ऐसे तो चलती रहेगी खाद्यान्न घोटाले की जांच
गोंडा: गत 27 मई को वजीरगंज ब्लॉक क्षेत्र में एक निजी गोदाम से करीब आठ हजार बोरी खाद्यान्न ब
गोंडा: गत 27 मई को वजीरगंज ब्लॉक क्षेत्र में एक निजी गोदाम से करीब आठ हजार बोरी खाद्यान्न बरामद किया गया था। इस मामले में तत्तकालीन पूर्ति निरीक्षक की तहरीर पर चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा वजीरगंज थाने में दर्ज कराया गया था। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इस मुकदमे की विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी। सवाल ये है कि अब एक गोदाम प्रभारी समेत सात लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, लेकिन टीम अभी यह नहीं पता लगा सकी कि बरामद अनाज कहां से आया था और किसका था। इसे लेकर अब तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं।
खाद्यान्न घोटाले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम अब तक 50 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इतना ही नहीं विपणन विभाग, भारतीय खाद्य निगम व जिला पूर्ति विभाग से संबंधित अभिलेख भी कस्टडी में कर चुकी है। इतना ही नहीं कार्रवाई व गिरफ्तारी के डर से चार गोदाम प्रभारी (विपणन निरीक्षक) चिकित्सीय अवकाश की अर्जी देकर चले गए हैं। एक और अहम सवाल है कि नामजद आरोपी सुहेल अहमद की गिरफ्तारी न होना और गिरफ्तारी में इतनी शिथिलता जिससे वह न्यायालय जा सके इसे लेकर तरह तरह चर्चा हो रहीं है। साथ ही करीब 70 दिन की विवेचना के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा की जा रही कार्रवाई अब चर्चा का विषय बनता जा रहा है। क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर इंद्रजीत यादव का कहना कि जल्द ही पूरे मामले का राजफाश कर दिया जाएगा। रिकार्डों का अध्ययन किया जा रहा है। अभी कुछ लोगों से पूछताछ किया जाना है।