जांच पर जांच, कोटेदारों पर नहीं आंच
गोंडा : जिले में खाद्यान्न घोटाले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। क्राइम ब्रांच की टीम अब तक
गोंडा : जिले में खाद्यान्न घोटाले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। क्राइम ब्रांच की टीम अब तक विपणन निरीक्षक समेत सात लोगों को जेल भी भेज चुकी है और कई कोटेदार तथा विपणन व पूर्ति विभाग के कई अधिकारी निशाने पर हैं। इसके बावजूद आए दिन अधिकारियों के यहां कोटेदारों द्वारा खाद्यान्न वितरण न किए जाने की शिकायतें दर्ज हो रही हैं। स्पष्ट है कि कोटेदारों पर जांच का कोई असर नहीं हो रहा।
खाद्यान्न घोटाले के मामले में गोंडा चर्चित होने के बावजूद यहां के कोटेदार सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। 2004-05 में ईओडब्ल्यू द्वारा व उसके बाद चल रही सीबीआइ की जांच भी इन कोटेदारों को नहीं डरा सकी। शासन व जिला स्तर की टीमें जांच के लिए आती-जाती रही हैं। बीते मई माह में वजीरगंज ब्लॉक क्षेत्र के एक निजी गोदाम में करीब आठ हजार बोरी सरकारी खाद्यान्न पकड़ा गया था। इस मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना क्राइम ब्रांच कर रही है। विपणन निरीक्षक समेत सात लोग जेल जा चुके हैं। इसके बाद भी कई विपणन निरीक्षक समेत पूर्ति विभाग के अधिकारी व कोटेदार क्राइम ब्रांच के निशाने पर हैं।
नहीं सुधर रहे हालात
- इतना होने के बावजूद यहां के कोटेदार सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। दो दिन पहले पंडरीकृपाल ब्लॉक के कंधरातेजी के ग्रामीणों ने गांव के एक कोटेदार के खिलाफ डीएम से शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि तीन-चार माह से उक्त कोटेदार द्वारा खाद्यान्न वितरण नहीं किया जाता। ऐसे ही बीते दो माह में जिले के 17 कोटेदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज हो चुकी हैं कि उनके द्वारा कार्डधारकों को राशन नहीं दिया जा रहा है। यदि दिया जा रहा है तो मात्रा कम मूल्य ज्यादा लिया जा रहा है। बीते एक माह में तीन कोटेदारों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं। ऐसे में कोटेदारों पर कार्रवाई की आंच कब पहुंचेगी इसका कोई पता नहीं है।
जिम्मेदार के बोल
- क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी भानु प्रताप ¨सह का कहना है कि जिन कोटेदारों की शिकायत मिलती है उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाती है।