मत्स्य पालन को मिलेगा बढ़ावा, मछुआरों के आएंगे अच्छे दिन
गोंडा समेत सभी जिलों से डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये के प्रस्ताव मांगे गए हैं। प्रमुख सचिव मत्स्य पालन विभाग ने सुधीर एम. बोबड़े ने 20 फरवरी तक प्रस्ताव मांगा है।
गोंडा : मछुआ समुदाय के जरूरतमंदों को न केवल घर मिलेगा, बल्कि जल प्लावित क्षेत्र का विकास भी कराया जाएगा। निजी जमीन पर तालाब का निर्माण कराने के साथ ही मत्स्य पालन के लिए शेड का निर्माण कराया जाएगा। हैचरी निर्माण को भी मदद मिलेगी। मत्स्य पालन विभाग नए सत्र में 103 करोड़ रुपये खर्च करेगा। केंद्र सरकार ने 62 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी है। गोंडा समेत सभी जिलों से डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये के प्रस्ताव मांगे गए हैं। प्रमुख सचिव मत्स्य पालन विभाग ने सुधीर एम. बोबड़े ने 20 फरवरी तक प्रस्ताव मांगा है। इनसेट
क्या होंगे कार्य, कैसे मिलेगा लाभ
मछुआ आवास- ऐसे परिवार जो मछुआ समुदाय से हैं, लेकिन उनके पास रहने के लिए पक्का मकान नही है। योजना के तहत ऐसे परिवारों को आवास निर्माण के लिए 1.20 लाख रुपये दिए जाएंगे। जल प्लावित क्षेत्र का विकास- किसानों की ऐसी जमीन जहां हमेशा पानी भरा रहता है और भूमि का उपयोग कृषि कार्य के लिए नहीं किया जा सकता। ऐसी भूमि का विकास कराकर खेती योग्य बनाया जाएगा। प्रति हेक्टेयर भूमि विकास पर 6 लाख रुपये खर्च होंगे, इसमें से 2.40 लाख अनुदान मिलेगा। निजी भूमि पर तालाब निर्माण- निजी जमीन पर तालाब निर्माण के लिए 8.50 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर खर्च होंगे, इसमें से 3.40 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। रि-सरकुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएस)- के तहत मछली पालन के लिए मिनी परियोजना पर 15 लाख व बड़ी परियोजना पर 50 लाख खर्च होंगे, आवेदकों को 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।
हैचरी निर्माण- हैचरी के लिए 25 लाख खर्च होंगे, इसपर 10 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकेगी।