अब खनन की वेब ब्रिज से होगी निगरानी
वरुण यादव गोंडा रायल्टी एक घन मीटर बालू की जमा किया और खनन किया तीन घन मीटर। इस त
वरुण यादव, गोंडा : रायल्टी एक घन मीटर बालू की जमा किया और खनन किया तीन घन मीटर। इस तरह अब राजस्व की चपत नहीं लगाई जा सकेगी। हर खनन स्थल पर वेब ब्रिज बनाया जाएगा। इससे जो भी वाहन बालू लादकर स्थल से बाहर आएगा, उस पर लदे बालू की मात्रा व रायल्टी रसीद में दर्ज मात्रा से मिलान करके ही वाहन बाहर जाएगा। यदि बालू अधिक पाया गया तो संबंधित को रायल्टी जमा करनी होगी।
जिले में बालू खनन के लिए तरबगंज तहसील क्षेत्र में चार स्थलों का आवंटन हुआ है। इसमें दुर्गागंज के अलावा परास व सोनौलीमोहम्मदपुर गांव में पट्टे स्वीकृत किए गए हैं। नए निर्देशों के मुताबिक इन खनन स्थलों की गतिविधियों की निगरानी के लिए सीसी कैमरा लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, खनन के लिए अब सिर्फ पंजीकृत वाहनों का प्रयोग किया जाएगा। ट्रैक्टर-ट्रॉली के अलावा ट्रक का पंजीकरण खनन विभाग की वेबसाइट पर कराना होगा। इसके अलावा इन वाहनों में जीपीएस भी लगवाना होगा। खनन निदेशालय जीपीएस के जरिए निगरानी करेगा।
ठेका छोड़कर नहीं भाग सकेंगे ठेकेदार
यदि किसी ठेकेदार को पहले वर्ष खनन में नुकसान होता है और वह दूसरे वर्ष काम करने से इन्कार करता है तो उसे पहले वर्ष अदा की गई रायल्टी का 50 प्रतिशत विभाग में जमा करना होगा। ऐसा न करने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही संस्था को काली सूची में डाल दिया जाएगा। वर्जन-
जिले में खनन का पट्टा लेने वाले ठेकेदारों को नए नियम के अनुसार वेब ब्रिज, सीसी कैमरा आदि की व्यवस्था कराने को कहा गया है। इसके अलावा अब सिर्फ पंजीकृत वाहन से ही खनिज का परिवहन हो सकेगा।
-रत्नाकर मिश्र, एडीएम गोंडा