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हर तीसरे दिन किसी की मांग तो किसी की गोद हो रही सूनी

गोंडा: संकरी और क्षतिग्रस्त सड़कें यहां जानलेवा साबित हो रही हैं। हर माह औसतन 15 लोगो

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 12:08 AM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 12:08 AM (IST)
हर तीसरे दिन किसी की मांग तो किसी की गोद हो रही सूनी

गोंडा: संकरी और क्षतिग्रस्त सड़कें यहां जानलेवा साबित हो रही हैं। हर माह औसतन 15 लोगों की जान सड़क हादसे में जा रही हैं और दो दर्जन लोग घायल हो रहे हैं। सड़क पर मौजूद गड्ढे व टूटी सड़क की पटरियां ऐसी घटनाओं के कारण बन रही हैं।

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गत एक जनवरी से 30 नवंबर तक जिले में सड़क हादसों में 154 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 243 लोग घायल हो चुके हैं। इन हादसों में जान जाने से किसी की मांग सूनी हो जाती है तो किसी की गोद। सड़क हादसों का मुख्य कारण क्षतिग्रस्त सड़कें मानी जा रही हैं। इसके अलावा सड़कों पर सड़क हादसों के बचाव के लिए सुरक्षा इंतजाम न होने के कारण इसमें इजाफा हो रहा है। वर्ष 2016 में 182 और वर्ष 2017 में 189 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।


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