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कोरोना से लड़ाई में सफाई पर जोर, हुनर ने पकड़ाई समृद्धि की डोर

दस महिलाओं को मिला नियमित रोजगार दो माह में करीब एक लाख रुपये की हुई कमाई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 11:53 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 11:53 PM (IST)
कोरोना से लड़ाई में सफाई पर जोर, हुनर ने पकड़ाई समृद्धि की डोर
कोरोना से लड़ाई में सफाई पर जोर, हुनर ने पकड़ाई समृद्धि की डोर

वरुण यादव, गोंडा

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मुसीबत की घड़ी भले ही हमें परेशान करती हो लेकिन, ये दौर हमें अपने हुनर को निखारने का अवसर भी देती है। कुछ ऐसा ही गोंडा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने कर दिखाया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से मिली आर्थिक मदद ने उन्हें रोजगार की डोर से जोड़ दिया। अब घर बैठे महिलाएं फिनायल तैयार करके पैकेजिग करती हैं और पुरुष दुकानों व घरों में आपूर्ति। बीते दो माह में करीब एक लाख रुपये का फिनायल महिलाएं तैयार कर चुकी हैं। महिलाओं के प्रयास की सराहना डीएम मार्कण्डेय शाही व सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने की है।

हर सदस्य करती है 50 रुपये की बचत :

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक नीलांबुज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मुजेहना ब्लाक की ग्राम पंचायत ख्वाजाजोत में रहने वाले किरन देवी स्नातक पास हैं। वह घर पर कपड़ा सिलाई करके किसी तरह परिवार चलाने में सहयोग करती थीं। गत वर्ष ब्लाक के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूह के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि आसपास की दस महिलाओं, सरिता, ज्योति, अनीता, लालवती, शारदा देवी, रेनू, निर्मला, प्रभा व पूनम को बुलाकर जब बात कि तो सब समूह से जुड़ने के लिए तैयार हो गई। इसके बाद 21 अगस्त 2020 को जानकी आजीविका स्वयं सहायता समूह का गठन करके खाता खुलवाया। प्रत्येक सदस्य 50 रुपये प्रति सप्ताह बचत करके खाते में जमा करने लगा।

डीएम बन गए कामयाबी का जरिया :

मार्च में जब कोरोना संक्रमण फिर बढ़ने लगा तो काम बंद हो गया। पति भी बेरोजगार हो गए। किरन के मुताबिक कुछ दिन बाद जब एक ट्रेनिग में उन्हें जिला मुख्यालय बुलाया गया तो उन्होंने खुद का काम करने की इच्छा डीएम मार्कण्डेय शाही से जताई। किरन के मुताबिक डीएम ने पूछा क्या काम करना चाहती हो। तब उन्होंने बताया कि वह फिनायल बनाना जानती हैं। इसके बाद उन्हें 1.15 लाख रुपये की मदद मिली। 70 हजार रुपये लगाकर फिनाइल बनाने की यूनिट लगाई गई। अब तक वह करीब 1200 लीटर फिनाइल तैयार कर चुकी हैं।

तीन तरह की खुशबू का है फिनायल :

किरन के मुताबिक काला व सफेद दो कलर का फिनायल तैयार किया जाता है। काले रंग का फिनाइल खेत में दवा छिड़काव व अन्य कार्य में उपयोग होता है, जबकि सफेद रंग के फिनायल का उपयोग घरों में साफ-सफाई के लिए करते हैं। ये फिनायल चंदन, गुलाब व चमेली के खुशबू से तैयार किया जाता है। साथ ही उसकी आकर्षक पैकेजिग की गई। एक लीटर काला फिनायल 68 रुपये व सफेद 40 रुपये लीटर थोक में बेचा जाता है।


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