मॉडल स्कूल में जमीन पर बैठकर पढ़ रहे छात्र
गोंडा : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा क्षेत्र में संचालित मॉडल स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए
गोंडा : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा क्षेत्र में संचालित मॉडल स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए बेंच व सीट नहीं है। पढ़ने के लिए पूरी किताबें नहीं हैं। स्वच्छ पेयजल, अध्यापकों की भी कमी है। दैनिक जागरण ने मंगलवार को स्कूलों का जायजा लिया। पेश है आंखों देखी रिपोर्ट -
केस-एक
-अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय उमरापुर द्वितीय में कुल 121 बच्चे पंजीकृत हैं लेकिन, उपस्थित सिर्फ 84 रहे। सभी बच्चों को ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा बैग तो मिल गया लेकिन, कक्षा दो में ¨हदी कक्षा तीन में अंग्रेजी, ¨हदी, कक्षा चार में ¨हदी व विज्ञान, कक्षा पांच में ¨हदी-विज्ञान की किताबें नहीं मिल सकी हैं। मॉडल स्कूल के बरामदे की छत का प्लास्टर टूट रहा है। छत जर्जर है। इंडिया मार्का हैंडपंप लगा है लेकिन, पानी दूषित है। पांच के सापेक्ष सिर्फ चार अध्यापक हैं। प्रधानाध्यापक आनंद कुमार पांडेय ने बताया कि स्कूल की मरम्मत का काम कायाकल्प योजना के तहत होना है। ¨हदी व संस्कृत विषय पुरानी किताब से पढ़ाया जाता है।
केस-दो
-अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय चिरेबसना में 138 बच्चे पंजीकृत हैं। मंगलवार को मात्र 86 छात्र उपस्थित रहे। बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर उपलब्ध नहीं है। टाटपट्टी पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। ड्रेस, स्वेटर, जूता, मोजा, बैग बंट गया है। विज्ञान, संस्कृत, ¨हदी की किताबें नहीं मिल सकी हैं। शौचालय की स्थिति बेहद खराब है। छात्र खुले में ही शौच जाते हैं। विद्यालय की रंगाई -पुताई हो गयी है। चार अध्यापक हैं। पेयजल के लिए इंडिया मार्का हैंडपंप लगा है। प्रधानाध्यापक अमित पांडेय ने बताया कि जो किताबें विभाग द्वारा मुहैया कराई गयी हैं, उसी से पढ़ाई करायी जा रही है।