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ड्रेस के मद में आवंटित 10.79 करोड़ का नहीं मिल रहा हिसाब

बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम सिंह का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारियों को उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 10:52 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 06:10 AM (IST)
ड्रेस के मद में आवंटित 10.79 करोड़ का नहीं मिल रहा हिसाब
ड्रेस के मद में आवंटित 10.79 करोड़ का नहीं मिल रहा हिसाब

गोंडा : परिषदीय स्कूलों में ड्रेस वितरित कराने का दावा किया जा रहा है। विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) के खाते में 10.79 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। ब्लॉकों से इसका उपभोग प्रमाण पत्र नहीं भेजा जा रहा है। खाते से रुपये निकाले गए, किस फर्म से यूनिफॉर्म की खरीदारी की गई। उसे कितना भुगतान किया गया? इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं दी जा रही है। ऐसे धनराशि खर्च पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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जिले में 2234 प्राथमिक व 903 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। यहां अध्ययनरत 3.10 लाख छात्रों के लिए 350 रुपये की दर से धनराशि भेजी गई थी। इसे खातों से निकालकर ड्रेस वितरित किए जाने का दावा किया जा रहा है। अब अफसर खर्च का हिसाब मांग रहे हैं, जिससे वितरण को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सके। ब्लॉक संसाधन केंद्रों से सूचनाएं नहीं भेजी रही हैं। इससे द्वितीय किस्त की धनराशि भेजने में दिक्कत हो रही है। वहीं, अफसर खर्च से अनजान हैं। मांग पत्र भी नहीं भेज रहे बीईओ

- 30 सितंबर तक छात्र नामांकन होता है। ड्रेस वितरण के लिए धनराशि गत वर्ष की छात्र संख्या के आधार पर भेजी गई थी। बीईओ को इस सत्र में बढ़ी छात्र संख्या के हिसाब से मांग पत्र भेजना है, जिससे छात्रों को यूनिफॉर्म दिया जा सके। नव नामांकित छात्र ड्रेस से वंचित रह सकते हैं। - खंड शिक्षा अधिकारियों को उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मनिराम सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी


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