गांव को गोद लेकर टीबी मुक्त करेंगे कॉलेज
इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त
गोंडा : वर्ष 2025 तक देश से टीबी की बीमारी के खात्मे के लिए अब एक नई पहल शुरू की जा रही है। अब शिक्षकों ने अशिक्षा के साथ-साथ बीमारी से देश को मुक्त करने का बीड़ा उठाया है।
मरीजों को गोद लेने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के आह्वान के बाद अब डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या से संबद्ध सभी महाविद्यालय एक-एक गांव को गोद लेंगे। इन गांवों में टीबी मरीजों को खाना और फल वितरित किए जाएगा। हर अध्यापक एक-एक बीमारी से ग्रसित बच्चे को गोद लेगा। जिले में संचालित 60 से अधिक महाविद्यालयों में इसको लेकर तैयारियां चल रही हैं।
इससे इतर महाविद्यालयों में पढ़ने वाली हर छात्रा के खून की जांच कराई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम कॉलेजों में जाएगी। अगर किसी छात्रा में खून की कमी मिलती है तो उसके खून को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। उनके माता-पिता को बुलाकर इसके बारे में काउंसिलिग की जाएगी। विश्वविद्यालय के कुल सचिव रामचंद्र अवस्थी से मिले निर्देश के बाद नारी ज्ञानस्थली महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. आरती श्रीवास्तव ने बताया कि योजना तैयार कर ली गई है। इसी माह क्रियान्वयन शुरू हो जाएगा।
यह भी संभालेंगे जिम्मेदारी
- महाविद्यालय परिसर को प्लास्टिक मुक्त बनाएंगे। अपने माध्यम से गांवों में भी प्लास्टिक मुक्त वातावरण का प्रचार-प्रसार करेंगे।
- फिट इंडिया अभियान के तहत महाविद्यालय परिसर एवं आसपास योग को लेकर जागरूकता संबंधी प्रचार-प्रसार करेंगे।
------
कोट
अब तक जिले में 18 से कम आयु वाले 76 टीबी मरीजों को विभिन्न संस्थाओं ने गोद ले लिया है। मरीजों को गोद लेने वाली संस्थाओं को सम्मानित भी किया गया है।
- विवेक सरन
(क्षय रोग समन्वयक )