साक्षर भारत मिशन के प्रेरकों का डाटा गायब
गोंडा : भारत सरकार की साक्षर भारत मिशन में कार्यरत रहे 1496 प्रेरकों डाटा नहीं मिल
गोंडा : भारत सरकार की साक्षर भारत मिशन में कार्यरत रहे 1496 प्रेरकों डाटा नहीं मिल रहा है। जिससे निदेशालय को सूचना भेजने में मुश्किल हो रही है। बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। तीन दिवस में सूचना न उपलब्ध करा पाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र की साक्षरता दर बढ़ाने के लिए साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम चलाया था, जिसमें जिले की 1054 ग्राम पंचायतों में लोक शिक्षा केंद्रों की स्थापना की गई। ग्राम पंचायतवार एक-एक महिला व पुरुष प्रेरकों की तैनाती की गई। यहां 16 ब्लॉकों में 1805 प्रेरकों की तैनाती थी। 31 मार्च 2018 को इनकी संविदा समाप्त हो गई। प्रेरक संविदा अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जिसको लेकर केंद्र सरकार योजना बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसी को लेकर प्रेरकों की जन्मतिथि, माता-पिता का नाम, जन्म स्थान सहित अन्य विवरण दोबारा मांगा गया, लेकिन ब्लॉक लोक शिक्षा समिति के पास डाटा नहीं है। झंझरी, बेलसर व नवाबगंज में कार्यरत रहे 309 प्रेरकों को छोड़कर अन्य का विवरण कार्यालय को उपलब्ध नहीं हुआ। ऐसे में इनके बकाया मानदेय के भुगतान के साथ ही दोबारा नियुक्ति पर संकट का बादल गहरा गया है। निदेशक साक्षरता की समीक्षा में पोल खुली, जिसके बाद खंड शिक्षा अधिकारियों से जानकारी मांगा गया है। साक्षर भारत मिशन के जिला समन्वयक रहे रणजीत प्रताप ¨सह का कहना है कि बीईओ अभिलेख नहीं दे रहे हैं। जिससे प्रेरक योजना से बाहर हो जाएंगे। हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारी रमाकांत वर्मा का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारियों से डाटा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। जानकारी न देने पर कार्रवाई होगी। जल्द ही निदेशालय को सूचनाएं भेज दी जाएंगी।