यादगार पलों पर जरूरतमंदों की झोली में खुशियों का खजाना
गोंडा गोमाता के लिए समर्पित होता है गुरुवार तीन माह में मनाए गए 50 उत्सव बांटे गए उपहार।
नंदलाल तिवारी, गोंडा: अपने लिए तो हर कोई जीता है, लेकिन नगर में महिलाओं का एक समूह जरूरतमंदों की खुशियां संजोने में लगा हुआ है। जन्मदिन हो या वैवाहिक वर्षगांठ, हरेक पल की खुशियों को यादगार बनने के लिए सितंबर से एक सेवा ने एक नई पहल की है। इसमें वृद्धाश्रम हो या फिर शिशु संरक्षण गृह, मलिन बस्तियों के साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों को उपहार देकर खुशियां साझा की जाती है।
मालवीय नगर की साक्षी अरोरा ने तीन साल पहले सामाजिक गतिविधियों को लेकर एक सेवा नाम से सामाजिक संस्था बनाई। इसके माध्यम से महिलाओं को जोड़कर जरूरतमंदों की मदद की मुहिम शुरू की गई। कोरोना काल में इसके माध्यम से खाने का प्रबंध किया गया।
संस्था ने हर गुरुवार को गोमाता की सेवा को समर्पित कर दिया। इस दिन लोगों से रोटी एकत्र की जाती है। इस दिन संस्था की महिलाएं सड़क पर घूमने वाले बेसहारा मवेशियों को रोटी का वितरण करती है। हर सुबह सात बजे महिला अस्पताल में मरीजों को चाय दी जाती है।
यूं शुरू हुई मुहिम:
एक सेवा ने जन्मदिन, शादी की सालगिरह, पूर्वजों की पुण्यतिथि को नए तरीके से मनाने की पहल शुरू की। जरूरतमंदों के बीच इस दिन को मनाने से खुशियां बढ़ जाती है। ऐसे में सितंबर से हुए प्रयास में आशा, सरोज, ममता, शानू, प्रियंका, दीपाली, सोनिया, भावना, रश्मि, मुस्कान, हेमा, पूजा, रूबी, नीलू सहित 50 महिलाओं ने अग्रणी भूमिका निभाई। किसी ने वृद्धाश्रम में उपहार वितरित किए तो किसी ने जरूरतमंद बच्चों के बीच केक काटकर खुशियां मनाई।
इस तरह करते हैं वितरण:
एक सेवा के पदाधिकारी शहर के नागरिकों से अनुपयोगी सामग्री जुटाते हैं। पुराने कपड़े, पुरानी किताबें, पुराने बैग व सजावट के सामान एकत्र करने के बाद उसके नए सिरे से तैयार किया जाता है। बच्चों को किताबें निश्शुल्क दी जाती है। इसके अतिरिक्त अन्य सामानों को पांच रुपये में जरूरतमंदों को दिया जाता है।