बाबा मठ पर गूंजा योगी-योगी, जयश्रीराम
गोंडा: दोपहर के करीब पौने एक बजे थे, जैसे ही आसमान की ओर से हेलीकाप्टर दिखा, हजारा
गोंडा: दोपहर के करीब पौने एक बजे थे, जैसे ही आसमान की ओर से हेलीकाप्टर दिखा, हजारों की भीड़ निहाल हो उठी। हर किसी को उस पल का इंतजार था जब सूबे के मुखिया उनके सामने हों। हेलीकाप्टर से सीएम के उतरते ही भीड़ में मौजूद युवा उछल पड़े। भारत माता की जय के साथ ही योगी-योगी, जयश्रीराम के गगनभेदी नारे गूंजने लगे। उपस्थितजन की यह खुशी यूं ही नहीं छलकी, दो बार दौरा रद होने पर तीसरी बार में आए। अस्थायी हेलीपैड से सीएम सीधे बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करने के लिए लगाए गए पांडाल में पहुंचे। प्रवेश करते ही वह किनारे ही मिले पीड़ित बहादुर से पूछ पड़े, आपको सरकारी मदद मिल रही है। जवाब हां मिला तो राहत सामग्री का किट थमा आगे बढ़ गए। इसके बाद पांडाल में मौजूद सभी बाढ़ रजई, बेला देवी आदि पीड़ितों के पास पहुंचकर उनका हाल लेना नहीं भूले। किसी के सामने हाथ जोड़कर तो किसी के सामने संवेदनता जताते हुए आपदा की घड़ी में साथ होने का भरोसा दिलाया। किसको क्या मिला? यह सवाल भी प्रशासन के अधिकारियों से करते रहे। पांडाल से निकलकर वह मंच पर पहुंचे। संबोधन शुरू करते ही बाढ़ पीड़ितों के जख्म पर मरहम लगाते हुए बोले मैं यहां इसलिए आया हूं कि आप लोगों को राहत सामग्री मिल रही है कि नहीं? सरकार जो सुविधा दे रही, उसकी क्या स्थिति है?। इस दौरान उन्होंने तीसरी बार जिले के बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे पर आने का जिक्र किया तो उपस्थित भीड़ ने नारा लगाते हुए समर्थन किया। संबोधन के समय गैर भाजपा की सरकारों का जिक्र करते हुए कहा कि इस हालात के लिए जिम्मेदार पहले की सरकारें हैं जिन्होंने बाढ़ से राहत के उपाय के नाम पर खानापूरी की। राहत किट में क्या-क्या सामग्री मिल रही? इसका भी जिक्र करना नहीं भूले। साथ ही उपस्थितियों जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को इस बारे में ताकीद भी कि जो सुविधा सरकार दे रही, वह हर हाल में पीड़ितों तक पहुंचनी चाहिए। सीएम का हेलीकाप्टर वापस उड़ने तक भीड़ में शामिल निगाहें उनकी ओर लगी रहीं। हर किसी के चेहरे पर खुशी के भाव थे। कारण कई दिनों के इंतजार के बाद जो मुख्यमंत्री उनके बीच पहुंचे थे।