स्वच्छता अभियान, ओडीएफ की 'रेस' में लापरवाही का 'ब्रेक'
गोंडा : ओडीएफ की रेस को जीतने के लिए भले ही ऑनलाइन खेल कर दिया गया हो, लेकिन सत्यापन में लापरवाही का
गोंडा : ओडीएफ की रेस को जीतने के लिए भले ही ऑनलाइन खेल कर दिया गया हो, लेकिन सत्यापन में लापरवाही का ब्रेक लग गया है। पंचायतों ने गांव खुले में शौच मुक्त करके प्रस्ताव तो भेज दिया, लेकिन सत्यापन तीन माह बाद भी नहीं हो सका। गोंडा समेत अन्य जिलों में 61274 गांव सत्यापन के लिए लंबित हैं। अपर मुख्य सचिव ने कमिश्नर को पत्र भेजकर सहयोग मांगा है।
गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए मुहिम तो चलाई जा रही है, लेकिन निगरानी के इंतजाम सिफर साबित हो रहे हैं। विभागीय व्यवस्था के अनुसार हर घर में शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही खुले में शौच की समस्या के समाप्त होने पर गांव को ओडीएफ घोषित किया जाता है। ओडीएफ गांवों के सत्यापन को लेकर ब्लॉक, जिले व मंडल स्तर पर कमेटियां बनाई गई हैं। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो गोंडा समेत अन्य जिलों में 91721 गांव ओडीएफ घोषित किए गए हैं, लेकिन राज्य स्तर से सत्यापन करके हरी झंडी 30447 गांवों को मिल सकी है। अभी भी जिले व मंडल स्तर पर 61274 गांव सत्यापन के लिए लंबित हैं। अकेले गोंडा जिले में 3450 गांवों का सत्यापन बाकी है। अपर मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने गांवों का सत्यापन कराने के लिए देवीपाटन समेत सभी मंडलों के कमिश्नर को पत्र भेजा है।
ओडीएफ की स्थिति पर एक नजर
कुल गांव-98807
ओडीएफ-91721
सत्यापित-30447
जिले स्तर पर लंबित-50868
मंडल स्तर पर लंबित-10406
सेकेंड लेवल पर लंबित-8656
देवीपाटन मंडल में सत्यापन की स्थिति
जिला गांव ओडीएफ सत्यापित
बहराइच 1386 1328 258
बलरामपुर 1000 890 217
गोंडा 1816 1623 209
श्रावस्ती 500 500 207
योग : 4702 4341 891