हे राम, इनका भी उद्धार करो
गोंडा: पश्चिम बंगाल के पावना जिले में जन्मे अमर शहीद राजेंद्रनाथ लाहिड़ी ने देश को अंग्रेजों
गोंडा: पश्चिम बंगाल के पावना जिले में जन्मे अमर शहीद राजेंद्रनाथ लाहिड़ी ने देश को अंग्रेजों की दास्तां से मुक्ति दिलाने के लिए अपना जीवन हंसते-हंसते कुर्बान कर दिया। लखनऊ के काकोरी कांड में गोंडा के जिला जेल में 17 दिसंबर 1927 को उन्हें फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। आजादी के बाद से हर साल उनके बलिदान दिवस पर कार्यक्रम होते हैं। उनसे जुड़े स्थलों के विकास के लिए लंबे चौड़े दावे किए जाते हैं। बावजूद इसके आज भी लाहिड़ी से जुड़े स्थल उपेक्षा के शिकार हैं। 17 दिसंबर की सुबह एक बार फिर अमर शहीद राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस पर अधिकारियों व नेताओं का जमावड़ा होगा। वीरगाथाएं गायी जाएंगी। वादे होंगे लेकिन, कुछ ही दिन बाद सबकुछ हवा हो जाता है। वर्ष 2003-04 में तत्कालीन मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित ¨सह व ब्लॉक प्रमुख साबिर अली के सहयोग से शहीद लाहिड़ी की समाधि स्थल बूचड़घाट पर बना दी गयी। उसके बाद वर्ष 2010-11 में तत्कालीन जिलाधिकारी राम बहादुर के प्रयास से प्रेरणा पार्क बनाया गया। समाधि तक जाने वाला मार्ग भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। पूर्व में अधिकारियों, मंत्री व विधायक ने कचहरी रेलवे स्टेशन को लाहिड़ी के नाम कराने की घोषणा की। जेल रोड को लाहिड़ी रोड का नाम दिए जाने, जिला पंचायत कार्यालय परिसर में लाहिड़ी पार्क सहित अन्य घोषणाएं की गयीं लेकिन,धरातल पर नहीं उतरीं।