Move to Jagran APP

प्रेरक गए, अब गुरुजी पर पुस्तकालयों का भार

गोंडा : प्रेरकों की संविदा समाप्त होने के बाद अब पुस्तकालयों के संचालन पर संकट गहरा गया ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 10:02 PM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 10:02 PM (IST)
प्रेरक गए, अब गुरुजी पर पुस्तकालयों का भार

गोंडा : प्रेरकों की संविदा समाप्त होने के बाद अब पुस्तकालयों के संचालन पर संकट गहरा गया है। गुरुजी पर पुस्तकालय के संचालन का भार आ गया है। ऐसे में अध्यापक छात्रों को पढ़ाएं या फिर नवसाक्षरों के लिए पुस्तकालय संचालित कराएं। कई स्कूलों में किताब भी नहीं है लेकिन कई केंद्रों पर पुस्तकें सजाई गयी थीं, जो अब कमरे में बंद हैं।

loksabha election banner

साक्षर भारत मिशन में नवसाक्षर हुए लोगों के स्वाध्याय के लिए भारत सरकार ने लोक शिक्षा केंद्रों पर पुस्तकालयों की स्थापना कराई थी। एक केंद्र पर 92 प्रकार की किताबें मुहैया कराई गयी थीं, जिसमें रेल, कानून, पर्यावरण, सामाजिक सहभागिता व संस्कृति से जुड़ी किताबें थीं। सरकार की मंशा थी कि इसे पढ़कर स्वाध्याय के माध्यम से लोग नवसाक्षर मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। केंद्र खोलने की जिम्मेदारी प्रेरकों पर थी लेकिन 31 मार्च को प्रेरकों की संविदा अवधि समाप्त हो गयी। ऐसे में अब पुस्तकालय के संचालन पर सवाल खड़े हो गए। अध्यापक शिक्षण कार्य करें या फिर नवसाक्षरों के लिए पुस्तकालय खोलकर बैठे। बहरहाल इसका जवाब अधिकारी के पास भी नहीं दे पा रहे हैं, जिसके चलते नवसाक्षर अब स्वाध्याय से वंचित रह सकते हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि लोक शिक्षा केंद्रों सचिव के मार्फत किताबें रखवा दी गयी हैं जैसा आदेश मिलेगा उस प्रकार से किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.