मजदूरी कर 'बिटिया' को दे कांवेंट की शिक्षा
गोंडा: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सकारात्मक रूप देखना है तो इसकी मिसाल बन चुके तरबगंज के
गोंडा: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सकारात्मक रूप देखना है तो इसकी मिसाल बन चुके तरबगंज के ढोढ़ेपुर में रहने वाले गरीब दंपती से मिलिए। कम शिक्षित होने के बावजूद भी खेत में पड़ी मिली बिटिया को शिक्षित करने के लिए जी-जान से मेहनत कर रहे हैं। यही नहीं, बिटिया को किसी प्रकार की कमी न हो, इसके लिए जब पति की मजदूरी नाकाफी हुई तो पत्नी ने भी मजदूरी करना शुरू कर दिया।
दरसल तरबगंज के ढोढ़ेपुर बाजार की रहने वाले रामकेवल पटवा और उनकी पत्नी नीतू पटवा को कोई औलाद नहीं थी। दोनों ¨जदगी के पचास साल के करीब का सफर तय कर चुके हैं। करीब छह वर्ष पहले गांव के कुछ दूरी पर सुबह दैनिक क्रिया से निवृत्त होने के लिए गई उक्त महिला को एक नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। इसकी जानकारी होने पर पूरा गांव एकत्र हो गया। ऐसे में नि:संतान दंपती ने लावारिस बच्ची को ममता की छांव दी। तब से लेकर अब तक नीतू और उनके पति बिटिया की परवरिश करने के साथ ही उसे काबिल बनाने की जद्दोजहद में लगे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता ने की मदद
-गरीब दंपती को मिली बिटिया अब पूरे 6 सालों की हो गई है। माता-पिता मजदूरी कर उसे तरबगंज के एक कांन्वेंट स्कूल में शिक्षा दे रहे हैं। इसकी जानकारी जब तरबगंज के सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम जयसवाल को हुई तो उन्होंने दंपती को कंबल भेंट कर सम्मानित किया और उनके जज्बे की सराहना की। साथ ही बिटिया के लिए ड्रेस मंगवाकर दिया।
की जाएगी मदद
-समाज में लड़कियों के प्रति जागरूकता के लिए रामकेवल और नीतू से सीख लेनी चाहिए। समाज में ऐसे लोगों की जरूरत है। इन दोनों के जज्बे की जितनी भी सराहना की जाए कम है। जो भी प्रशासनिक सहयोग होगा किया जाएगा।
-महेंद्र कुमार ¨सह, तहसीलदार तरबगंज।