अब अंदर नहीं तो बाहर लुट रहे अभ्यर्थी
गोंडा : आइए आपको परिवहन विभाग की ऑनलाइन व्यवस्था से रूबरू कराते हैं। जिसके सहारे लोगों को लुटने से ब
गोंडा : आइए आपको परिवहन विभाग की ऑनलाइन व्यवस्था से रूबरू कराते हैं। जिसके सहारे लोगों को लुटने से बचाने का दावा किया जा रहा है लेकिन, लूट-खसोट का सिलसिला जारी है। पहले अभ्यर्थी आरटीओ कार्यालय के अंदर काउंटर पर अतिरिक्त फीस देते थे। छह महीने पहले ऑनलाइन व्यवस्था हो गयी। फीस काउंटर बंद कर दिया गया, जिसके बाद बाहर दुकानें सज गयी हैं। ऑनलाइन आवेदन करने के नाम पर 200 से 300 रुपये अधिक वसूला जा रहा है। वहीं, लूटतंत्र चला रहे लोगों को नियंत्रण करने में अफसर असमर्थतता जता रहे हैं।
सरकार व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नए-नए रास्ते तलाश रही है। जिसमें ऑनलाइन को सबसे अच्छी पहल के रूप में देखा जाता है लेकिन, संभागीय परिवहन कार्यालय में स्थिति विपरीत है। यहां दलालों ने ऑनलाइन व्यवस्था पर कब्जा कर रखा है। कार्यालय के बाहर ही कोई मारुति वैन पर कंप्यूटर लेकर आता है। तो कोई दुकान खोलकर बैठ गया। लर्निंग लाइसेंस का आवेदन शुल्क 350 रुपये निर्धारित है। वहीं, ये 500 लेते हैं। स्थाई लाइसेंस में 1000 के स्थान पर 1200 रुपये वसूला जाता है। अन्य कार्यों में भी यही हाल है। स्लॉट बुक कराने में हेरफेर करने के लिए भी वसूली की जाती है। खुद अफसर भी मानते हैं कि बाहर लोगों से अधिक रुपये वसूले जा रहे हैं लेकिन, कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
ई-सुविधा केंद्र से करें आवेदन
-सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. सर्वेश गौतम का कहना है कि बाहर अधिक शुल्क लेने की शिकायत मिलती है। लोगों को जागरूक होने की जरूरत है, तभी ऑनलाइन व्यवस्था का लाभ उठा सकेंगे हैं। वह ई-सुविधा केंद्र से आवेदन करें, जहां 20 रुपये शुल्क लगेगा। इससे अधिक रुपये लेने पर कार्रवाई के लिए एनआइसी को लिखा जा सकता है।