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    जिगना की धरती पर जन्मे थे राजा देवीबक्श ¨सह

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 24 Sep 2018 11:12 PM (IST)

    गोंडा : अंग्रेजों की गुलामी के विरोध में बगावत का बिगुल बजाने वाले राजा देवीबक्श ¨सह जिगना गांव में

    जिगना की धरती पर जन्मे थे राजा देवीबक्श ¨सह

    गोंडा : अंग्रेजों की गुलामी के विरोध में बगावत का बिगुल बजाने वाले राजा देवीबक्श ¨सह जिगना गांव में ही जन्मे थे। यहां गांव में ही कोर्ट थी, जनता के फरियाद की सुनवाई करके राजा फैसले सुनाते थे। अगर 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन की बात करें तो राजा देवीबक्श ¨सह ने इस लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी। सदर तहसील का जिगना गांव राजा के नाम पर ही पहचान बनाए हुए है।

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    इन पर है नाज : स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले राजा देवीबक्श ¨सह पर पूरे क्षेत्र को नाज है। इसके अलावा गांव की ही विधा मिश्रा दिल्ली में आइएएस हैं। इनके पति पुष्कर मिश्र भाजपा कार्यसमिति में हैं। रामशंकर व रामनाथ आर्मी से रिटायर हो चुके हैं। जबकि सत्यदेव नेवी व उमेश कुमार आर्मी में सेवा दे रहे हैं। उर्मिला देवी एएनएम है। पंकज ¨सह, वंदना शुक्ला, संजय कुमार, जय प्रकाश शुक्ल अध्यापक हैं, जबकि मनोज मिश्र ¨सचाई विभाग में तैनात हैं।

    आजीविका के साधन : गांव के लोग खेती व व्यवसाय से जुड़े हैं। कुछ लोग सरकारी सेवा में अच्छे पदों पर है। गांव में छोटी बाजार होने के कारण लोग खुद का व्यवसाय भी करते हैं। प्राइवेट नौकरी के जरिए भी कुछ लोग घर चला रहे हैं।

    आधारभूत ढांचा : गांव में 22 मजरे हैं। नकछेदपुरवा, झारखंडी, जुडईकपुरवा, गौरियनटोला, जिगना खास, कोटिया, बसवारी, गोसाईपुरवा, नरेशपुरवा, पांडेयगांव, धोबहा, बालपुरवा, अनुसचित बस्ती, बिरतिहनपुरवा, रानीपुर, मिसिरगांव, कलहनपुरवा, पसवारी आदि मजरे हैं। गांव की आबादी 6100 व मतदाता 3655 है। गांव में दो प्राथमिक व एक उच्च प्राथमिक विद्यालय, आंगनवाड़ी केन्द्र, सचिवालय, बैंक, एएनएम सेंटर आदि है। गांव से मनकापुर सीएचसी व कोतवाली की दूरी 12 किलोमीटर है।

    यह हो तो बने बात

    - गांव में राजादेवी बक्स ¨सह का पैतृक गांव उपेक्षा का शिकार है। उनका महल खंडहर बन चुका है। सरकार को इस स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करना चाहिए। गांव में शुद्ध पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जलनिकासी के साथ ही सफाई व्यवस्था चौपट है। रोजगार के लिए कोई उद्योग नहीं है।

    उपलब्धि : गांव मे तीन परिषदीय विद्यालय, एएनएम सेंटर, आंगनबाडी केंद्र, सचिवालय, बैंक आदि सुविधा लोगों को मिल रही है। गांव को खुले में शौच मुक्त बनाने की कवायद चल रही है।

    दृष्टिकोण

    गांव में शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित करने का अभियान चलाया जा रहा है। गांव का बजट सीमित है, फिर भी लोगों को बेहतर सुविधाएं देने की कोशिश की जा रही है। ब्लॉक से गांव की दूरी अधिक होने के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ समय नहीं मिल पाता है।

    -अनिल कुमार, प्रधान

    हमारे कार्यकाल में विकास को गति मिली थी। राजा देवी बक्श ¨सह की कर्मस्थली आज भी उपेक्षा झेल रही है। अगर पर्यटन स्थल बन जाय तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

    -रग्घू प्रसाद, पूर्व प्रधान