भ्रष्टाचार में फंसे तत्कालीन सीडीओ व बीडीओ
गोंडा : तत्कालीन सीडीओ व बीडीओ भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए गए हैं। लोकायुक्त ने लोि
गोंडा : तत्कालीन सीडीओ व बीडीओ भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए गए हैं। लोकायुक्त ने लोहिया आवास योजना में अनुचित लाभ के लिए अफसरों को पदीय दायित्व का निर्वहन न करने का दोषी पाया है। मामले में कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। वहीं, गांव में तैनात सचिव के साथ ही पूरी टीम भी दोषी मिली है।
मामला नवाबगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत शाहपुर का है। डॉ. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम योजना के तहत गांव का चयन वित्तीय वर्ष 2013-14 में किया गया था। यहां की निवासिनी सुशीला देवी ने लोहिया ग्रामीण आवास योजना के तहत अपात्रों को आवास देने के साथ ही अफसरों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायत लोकायुक्त के यहां दर्ज कराई थी। लोकायुक्त ने मामले की जांच अन्वेषण अधिकारी कमर मजीद से करायी। 17 जुलाई 2017 को मामले की स्थलीय जांच गांव में हुई थी। अन्वेषण अधिकारी की जांच में पाया गया कि अपात्रों को बिना आवास का निर्माण किए ही संपूर्ण धनराशि दो-दो किश्तों में दे दी गई। लोक सेवक तत्कालीन सीडीओ जयंत कुमार दीक्षित व तत्कालीन बीडीओ केशवचंद ने अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी व निष्ठापूर्वक नहीं किया। संबंधित अफसरों ने अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से भ्रष्टाचार से प्रेरित होकर पदीय कर्तव्यों का निर्वहन किया गया। इसके अलावा ग्राम्य विकास अधिकारी दिनेश कुमार भी लोकसेवकों के अतिरिक्त भ्रष्टाचार में समान रूप से दोषी पाए गए हैं। लोकायुक्त न्यायमूर्ति संजय मिश्रा ने मामले में कार्रवाई के लिए संस्तुति शासन को भेजी है। उपायुक्त ग्राम्य विकास अजीत कुमार श्रीवास्तव ने ग्राम्य विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए हैं। डीडीओ वीरपाल का कहना है कि शासन का पत्र मिला है, आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।