उलझन में किशोर, जागरूकता पर जोर
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गोंडा : 10-19 वर्ष तक के आयु वर्ग के किशोरों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जिले के 13 अस्पतालों में संचालित हो रहे अर्श क्लीनिक के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि किशोर उलझन में हैं। जांच में पाया गया है कि 332 किशोर मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। 18 ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें किशोरों के मन में आत्महत्या का विचार निकलकर सामने आया है। इन्हें जागरूक करने के लिए किशोर स्वास्थ्य क्लब से लेकर अन्य गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
जिला पुरुष व महिला अस्पताल के अतिरिक्त बेलसर, कर्नलगंज, हलधरमऊ, इटियाथोक, कटरा बाजार, नवाबगंज, पड़रीकृपाल, परसपुर, काजीेदेवर, रुपईडीह, तरबगंज में अर्श क्लीनिक संचालित है। यहां पर 10 से 19 आयु वर्ग के किशोरों की काउंसिलिग की जाती है। जुलाई से सितंबर तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल 169 मामले ऐसे आए हैं, जिसमें किशोर पढ़ाई की समस्या से जूझ रहे हैं। 332 मामले ऐसे हैं, जिसमें किशोर आयु वर्ग के लोग मानसिक तनाव का शिकार हैं। 18 किशोरों के मन में आत्महत्या का विचार आ रहा है। 67 किशोर ऐसे हैं, जिनका मन अशांत है। 36 अन्य मानसिक तनाव की जद में हैं। यह आंकड़े सामने आने के बाद अब किशोरों के मार्गदर्शन को लेकर नए सिरे से प्रयास शुरू किए गए हैं।
दी जा रही जानकारी
- क्लीनिक पर तैनात सलाहकार अब स्कूलों में जा रहे हैं। वहां पर वह किशोरों की समस्या को समझकर उसका मार्गदर्शन कर रहे हैं। इसके आधार पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की गतिविधियों को स्कूलों में भी कराया जा रहा है। उन्हें जानकारी दी जा रही है। शिक्षकों को नोडल बनाकर उन्हें भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
- रणजीत सिंह, समन्वयक किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम