श्रीराम के बाणों से निकला दशानन का दम, धू-धूकर हुआ राख
लिया आशीर्वाद की प्रार्थना - रावण दहन से पहले श्रीराम व लक्ष्मण ने मां दुर्गा की प्रतिमाओं की आरती उतारी। उनका आशीर्वाद लिया। इसके लिए विसर्जन को ले जाई जा रही प्रतिमाएं रामलीला मैदान लेकर आई गईं। दर्शकों की रही भीड़ - रामलीला का मंचन देखने के लिए दर्शकों की भीड़ रही। पंतनगर स्थित मैदान खचाखच भरा था। यहां पर कमेटी के अध्यक्ष शिवसरन लाल जायसवाल कृष्ण चंद्र जायसवाल राधेश्याम गुप्ता कन्हैयालाल रोशन लाल अजय शंकर श्रीवास्तव व विनोद श्रीवास्तव रामलीला की व्यवस्था देखने में लगे रहे। खैरा मंदिर के समीप भारी भीड़ रही। सुरक्षा के थे प्रबंध - रामलीला के दौरान सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। एसपी आरके नैय्यर पुलिस टीम के साथ रामलीला स्थलों का भ्रमण करके जायजा ले रहे थे। कोतवाली पुलिस की टीम को लगाया गया था।
गोंडा: शहर के मालवीय नगर स्थित रामलीला मैदान में खचाखच भीड़ जमा थी। बच्चे हो या बूढ़े, महिलाएं हो या पुरुष, हर किसी की नजर सामने चल रहे प्रभु श्रीराम व रावण के युद्ध पर टिकी थी। दोनों ओर से तीरों की बौछार हो रही थी। रामदल जयश्रीराम का जयघोष कर रहा है और राक्षस दल लंकेश का। घनघोर युद्ध के बीच नाभि में तीर लगते ही दशानन धराशायी हो जाता है। इसी के साथ चहुंओर जयश्रीराम की गूंज के बीच आतिशबाजी शुरू हो जाती है। बुराई पर अच्छाई के प्रतीक स्वरूप रावण के पुतले का दहन किया गया।
मालवीय नगर की रामलीला में मंगलवार को दिखाया गया कि मेघनाथ के वध के बाद रावण विचलित है। वह पाताल में अहिरावण के पास जाता है। अहिरावण दूसरा रूप धारण करके रामदल में आता है और श्रीराम व लक्ष्मण का हरण करके पाताल ले जाता है। सूचना मिलने पर हनुमान जी वहां पर पहुंचते हैं। लड़ाई में अहिरावण का वध करने के बाद वह राम व लक्ष्मण को लेकर वापस आते हैं। बाद में राम व रावण आमने सामने होते हैं। राम अपने तरकस से एक से बढ़कर एक तीर चल रहे हैं, रावण पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इस पर विभीषण ने राम को बताया कि रावण के नाभि में अमृत है। इसके बाद राम ने सीधा निभाना नाभि पर किया। साथ ही 31 बाण छोड़े, जिससे रावण धराशायी हो गया। इसके साथ ही हर किसी की जुबां से जय श्रीराम ही निकल रहा था। कोई प्रभु राम को माला पहना रहा था तो कोई उनकी आरती उतार रहा था। रामलीला के मंचन के दौरान कलाकारों की प्रस्तुतियों ने लोगों का मनमोह लिया। शहर के पंतनगर व रानी बाजार में भी विजयदशमी पर रावण वध का मंचन किया गया। कर्नलगंज, आर्यनगर, धानेपुर आदि क्षेत्रों में भी राम-रावण युद्ध का मंचन किया गया। इसके बाद रावण का पुतला दहन किया गया। इस दौरान लगे मेले में बच्चों ने जमकर मस्ती की।