फ्रिक नहीं हमारी, पैदल चलने में दिक्कतें सारी
गोंडा : दीवानी तिराहे से विकास भवन तक सड़क के दोनों तरफ जिस फुटपाथ का निर्माण पैदल चलने वाले लोगों के
गोंडा : दीवानी तिराहे से विकास भवन तक सड़क के दोनों तरफ जिस फुटपाथ का निर्माण पैदल चलने वाले लोगों के लिए कराया गया था। उस पर अतिक्रमण हो चुका है। ऐसा नहीं है कि अधिकारी फुटपाथ पर हुए अतिक्रमण के बारे में नहीं जानते हैं। वह सब कुछ जानते हुए भी अतिक्रमण हटवाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। खामियाजा लोगों को सड़क पर चलकर भुगतना पड़ रहा है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। जनप्रतिनिधि भी खामोश है। वह भी पैदल चलने वालों की समस्याओं पर आवाज उठाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।
अतिक्रमण से पैर रखना दुश्वार, जिम्मेदार बेपरवाह
-पूजा ¨सह का कहना है कि फुटपाथ पर अतिक्रमण होने से सबसे ज्यादा दिक्कतें उन लोगों को होती है। सड़क पर चलने पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। जिम्मेदार अधिकारी उक्त समस्या का निस्तारण कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
-मीनाक्षी का कहना है कि दीवानी तिराहे से विकास भवन तक रोजाना अधिकारियों के वाहन गुजरते हैं। बावजूद इसके उन्हें फुटपाथ पर हुए अतिक्रमण की तरफ ध्यान नहीं जा रहा है। सोचा था कि फुटपाथ का नए सिरे से निर्माण हो रहा है अब अतिक्रमण से निजात मिल जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जनप्रतिनिधि भी खामोश है। अतिक्रमण होने से सबसे ज्यादा दिक्कतें महिलाओं व विकलांगों को होती है।
-जितेंद्र का कहना है कि फुटपाथ वाहन स्टैंड बन चुके हैं। सड़क सकरी होने व फुटपाथ पर अतिक्रमण होने से उन लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है। लेकिन अतिक्रमण हटवाने के लिए आवाज उठाना भी मुनासिब नहीं समझते हैं।
-रमेश का कहना है कि जिन अधिकारियों पर फुटपाथ व सड़क की देखरेख की जिम्मेदारी है, वह धरातल पर उतरने को तैयार नहीं है। इससे उन लोगों को फुटपाथ भी नसीब नहीं हो रहा है। अधिकारियों को उन लोगों की पीड़ा को समझते हुए अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए। ताकि उन लोगों का आवागमन सुगम हो सके।
क्या कहते हैं सिटी मजिस्ट्रेट
सिटी मजिस्ट्रेट एके शुक्ल का कहना है कि अतिक्रमण हटवाने के लिए वह प्रयासरत है। व्यापारियों के साथ बैठक होनी थी। वह समयाभाव के चलते नहीं हो सकी है। शीघ्र ही व्यापारियों के साथ बैठक कर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा।