किसानों की किस्मत में इस बार भी सूखा
गोंडा: रबी में मिले जख्म की अभी भरपाई भी हीं हो सकी थी कि कुदरत खरीफ में भी सितम ढाने लगी है। देवीप
गोंडा: रबी में मिले जख्म की अभी भरपाई भी हीं हो सकी थी कि कुदरत खरीफ में भी सितम ढाने लगी है। देवीपाटन मंडल के चारों जिलों में इस बार सामान्य औसत से कम बारिश हुई है। गोंडा जिले में सबसे कम 64 तो बहराइच में 90 फीसदी बारिश हुई है। बारिश न होने से जहां फसलें सूखने लगी हैं, वहीं किसानों की बेचैनियां बढ़ गई हैं।
किसानों की जीविका चलाने में खरीफ फसली वर्ष का अहम रोल होता है। किसान धान के साथ ही मोटे अनाज के रूप में मक्के की खेती करते हैं। नकदी के फसल के रूप में गन्ने के लिए बारिश आवश्यक होती है। चारों जिलों में 14 लाख किसान खेती से जुड़े हुए हैं। देवीपाटन मंडल में करीब 6.5 लाख हेक्टेयर में खरीफ की बुवाई हुई है। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो एक जून से 31 अगस्त तक सामान्य औसत के सापेक्ष बहराइच जिले में 90.7, श्रावस्ती में 83.8, बलरामपुर में 77.3 व गोंडा जिले में 64.7 प्रतिशत बारिश हुई है। जबकि विगत वर्ष इसी अवधि में बहराइच व श्रावस्ती में सबसे अधिक, जबकि गोंडा व बलरामपुर में कम बारिश हुई थी। बारिश न होने के कारण धान, गन्ना, मक्का, तिल आदि फसलें सूखने लगी हैं। जिससे किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं। कृषि विभाग के अफसरों की मानें तो अभी अच्छी बारिश के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं।
खरीफ में हुई बारिश के आंकड़े
जिला औसत बारिश
बहराइच 701.2 615.2
श्रावस्ती 773.7 645.3
बलरामपुर 791.8 612.0
गोंडा 791.8 512.91
नोट: बारिश मिलीमीटर में है, यह आंकड़े एक जून 2015 से 31 अगस्त 2015 के तक के हैं।
खरीफ में सामान्य औसत के सापेक्ष मंडल के चारों जिलों में कम बारिश हुई है। जिसमें गोंडा जिले की स्थिति खराब है। फिलहाल, अभी तक अच्छी बारिश के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं।''
- आरसी शुक्ल, संयुक्त कृषि निदेशक देवीपाटन मंडल गोंडा