पर, गैस का दुरुपयोग जारी है हाकिम!
गोंडा: जिले में एक भी एलपीजी गैस का पंप नहीं है, बावजूद चौपहिया वाहन धड़ल्ले से फर्राटा भर रहे हैं।
गोंडा: जिले में एक भी एलपीजी गैस का पंप नहीं है, बावजूद चौपहिया वाहन धड़ल्ले से फर्राटा भर रहे हैं। इसको लेकर कोई फिक्रमंद नजर नहीं आ रहा है। हैरत की बात तो यह है कि स्कूली वाहन भी एलपीजी सिलेंडर लगाकर मासूमों को हर रोज घर से स्कूल व स्कूल से घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। ताज्जुब बात तो यह है कि अफसरों ने न तो यह जानने का प्रयास किया कि वाहनों में प्रयोग किये जा रहे सिलेंडर कहां से आ रहे हैं, उनके पास इसका कोई रजिस्ट्रेशन है या नहीं। और तो और अवैध रीफि¨लग का यह काला धंधा शहर के ही कुछ स्थानों पर बेखौफ चल रहा है।
रसोई गैस की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल, रसोई गैस की किल्लत की सबसे बड़ी वजह कालाबाजारी मानी जा रही है। ऐसा नहीं है कि अफसरों को इसकी जानकारी नहीं है, वह सब कुछ जानते हुए भी खामोश है। जिले में एक भी एलपीजी गैस का पंप नहीं है, जिससे गैस रिफिल कराकर वाहन फर्राटा भर सकें। सच्चाई यह है कि जिले में हजारों चौपहिया वाहन गैस लगाकर फर्राटा भर रहे हैं। लोग अपने निजी वाहनों में गैस से सैर कर रहे हैं। यहीं नहीं स्कूली वाहनों में एलपीजी गैस का उपयोग किया जा रहा है। शहर में कई ऐसे स्थल है, जहां पर खुलेआम गैस की रीफि¨लग की जा रही है। यह सब कुछ खुलेआम हो रहा है। उपभोक्ताओं का सवाल है कि आम उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर के लिए लाइन लगाने के बाद भी सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है, जबकि सिलेंडर से वाहन फर्राटा भर रहे हैं। अफसर इसको लेकर फिक्रमंद नहीं है। जिससे रसोई गैस की किल्लत दूर होने का नाम नहीं ले रही है।
इनको अब भी है टेंशन
- बहराइच रोड स्थित गैस वितरण स्थल पर सुबह से ही डटे आर्यनगर के शशिकांत पाठक का कहना है कि सुबह से ही वह यहां पर लाइन लगाए हुए हैं, दोपहर हो गई अभी तक सिलेंडर नहीं मिला। खोरहंसा की कुसुमा भी सिलेंडर के लिए पसीना बहा रही थी, उनका कहना था कि अफसरों को इसके लिए आगे आना चाहिए। जानकी नगर की ज्योत्सना माथुर का कहना है कि समय से रसोई गैस न मिलने के कारण काफी परेशानी हो रही है। दीपक का दर्द है कि रसोई गैस के लिए सुबह से लाइन लगाने के बाद भी कोई राहत नहीं मिल पा रही है। सुनीता भी सिलेंडर के लिए परेशान थी, उनका कहना था कि सब अपने में मस्त है, किसी को आम लोगों की ¨चता नहीं है। रवि पांडेय का कहना है कि गैस की किल्लत से घर का गणित गड़बड़ा रहा है, ऐसे में अब क्या करें।
जांच की मांग
- रसोई गैस उपभोक्ता रेखा चतुर्वेदी का कहना है कि जब वह गैस पर मिलने वाली छूट के बारे में पता करने के लिए एजेंसी पर गई तो पता चला कि छूट की धनराशि किसी और व्यक्ति के खाते में भेज दी गई है। उसका कहना है कि उसने संबंधित गैस एजेंसी में अपना खाता नंबर भी उपलब्ध कराया था, फिर भी इसमें गल्ती की गई है। उसने मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।