समस्याओं के लिए कलम से लड़ाई लड़ते थे विजय बाबू
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जागरण संवाददाता, गाजीपुर : स्टेट बैंक के पूर्व अधिकारी मारकंडेय सिंह ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार विजय बाबू मर्यादाओं के पोषक व्यक्ति थे। इनके आलोचक हो सकते हैं किन्तु उनका दुश्मन कोई नहीं। हर वर्ग में उन्हें सम्मान मिलता था। वे पत्रकारों के बीच श्रेष्ठ पत्रकार, साहित्यकारों की बीच साहित्यकार, समाजसेवियों के बीच अन्यतम समाजसेवी, सर्वहारा, पिछड़े वर्ग के बीच उनके अन्यतम सेवक और जनप्रतिनिधियों की बीच बिना ताज के बादशाह थे। वे जिले की समस्याओं के लिए कलम से लड़ाई लड़ते रहते थे।
मारकंडेय सिंह यश भारती से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विजय कुमार के 89वें जयंती के अवसर पर अनीता निकेतन तुलसी सागर पर पुष्पार्चन कार्यक्रम में बोल रहे थे। साहित्यकार विश्वमोहन शर्मा ने कहा कि विजय कुमार ने पटेल कमीशन की संस्तुतियों को लागू करने में महती भूमिका का निर्वाह किया। उन्हीं के कारण गहमरी जी ने पूर्वांचल की दुर्दशा का चित्रण लोक सभा में किया था। किसान सभा के संयोजक प्रो. केएन सिंह ने कहा कि विजय बाबू की लेखनी धारदार थी। पूर्व प्रधानाचार्य चंद्रमा यादव, डा. अरूण कुमार राय, उदय प्रताप यादव, रमेश यादव आदि थे। संजय कुमार ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। संचालन अशोक कुमार सिंह ने किया।