जानवरों की तरह ट्रकों में भरकर जा रहे प्रवासी कामगार
गाजीपुर प्रदेश में अप्रवासी कामगारों के साथ हो रहे हादसों के बाद भी प्रशासन और पुलिस के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिले के बार्डर पर ऐसी स्थिति आम तौर पर देखी जा सकती है। कुड बार्डर पर तो पुलिस ने रोडवेज से लोगों को गंतव्य तक पहुंचा रही है लेकिन बहुत जगह इसकी व्यवस्था नहीं है।
जासं, गाजीपुर : प्रदेश में प्रवासी कामगारों के साथ हो रहे हादसों के बाद भी प्रशासन और पुलिस के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिले के बार्डर पर ऐसी स्थिति आम तौर पर देखी जा सकती है। कुछ जिलों के बार्डर पर तो पुलिस रोडवेज से लोगों को पहुंचा रही है, लेकिन बहुत जगह इसकी व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण लोग निजी वाहन से ही जाने को विवश हैं। हालांकि पैदल जा रहे लोगों को रोडवेज से उन्हें उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।
बारा : ताड़ीघाट-बारा मार्ग पर रविवार को दोपहर ईदगाह के पास कामगारों से भरा एक ट्रेलर रुका। इसके बाद एक-एक कर दर्जनों मजदूर उतर गए। वहां के लोगों ने मजदूरों को खाद्यान्न व फल वितरित किया। ट्रेलर में तकरीबन 50 लोग सवार थे। कुछ कामगारों ने बताया कि वे बिहार के रहने वाले हैं तथा वाराणसी में किसी कंपनी में काम करते थे। लॉकडाउन में कुछ छूट मिली तो मालिक ने उन्हें एक ट्रेलर में भरकर बिहार के लिए भेज दिया। पता नहीं कब तक अपने घरों तक पहुंचेंगे। उनके लिए शारीरिक दूरी के भी कोई मायने नहीं थे। बस घर पहुंचने की जल्दी थी। ट्रेलर वाराणसी से चलकर जिले को पार करते हुए बिहार बार्डर के बारा गांव पहुंच गया, लेकिन कहीं पर उन्हें रोका नहीं गया।
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जौनपुर सीमा पर लगा प्रवासी मजदूरों का मेला
खानपुर : प्रवासी मजदूरों के पलायन का सिलसिला जारी है। जौनपुर जिले से प्रतिदिन सैकड़ों गाड़ियां प्रवासी श्रमिकों को लेकर जनपद में बेलहरी के रास्ते प्रवेश कर रही हैं। स्थानीय पुलिस द्वारा बहेरी रेलवे क्रासिग पर सभी गाड़ियों की जांच पड़ताल की जा रही है। सभी के नाम व नंबर नोट करने के बाद उन्हें रोडवेज बस से उन्हें उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। पूर्वांचल और बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश के मजदूरों को निर्धारित साधनों से उनके गृह प्रदेश में सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है। जांच स्थल पर समाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा कैंप लगाकर सभी श्रमिकों को प्रतिदिन जलपान और भोजन की व्यवस्था की गई है। थानाध्यक्ष सुनील सिंह ने बताया कि जिले में आने वाले सभी प्रवासी कामगारों का नाम, पता व नंबर नोट कर रोडवेज बस द्वारा उन्हें उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है। प्रतिदिन करीब हजारों श्रमिक जिले में प्रवेश कर रहे हैं।
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प्रवासी व अप्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पुलिस को दी गई है। जो भी श्रमिक पैदल आ रहे हैं उन्हें वाहन से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं जो निजी वाहन से बिहार जा रहे हैं, उन्हें छोड़ दिया जा रहा है। बार्डर पर आने-जाने वालों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
- विक्रम सिंह, एसडीएम सेवराई।