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महिलाओं ने दिया ताना तो होश आया ठिकाना

गाजीपुर चेहरे पर घूंघट कीचड़ में पांव कुछ ऐसा है देवकठियां गांव..। जी हां कुछ ऐसी ही स्थिति है ग्रामसभा देवकठियां के बीबीपुर गांव की। पिछले 10 वर्ष से नाबदान बनी मुख्य सड़क पर आवागमन कर रहीं महिलाओं ने आजिज आकर जब अपने घर के पुरुषों को ताना देना शुरू किया तो उनका पौरूष जाग उठा और इस नरक से निकलने के रास्ते तलाशे जाने लगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 09:34 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 09:34 PM (IST)
महिलाओं ने दिया ताना तो होश आया ठिकाना
महिलाओं ने दिया ताना तो होश आया ठिकाना

जितेंद्र यादव

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जासं, गाजीपुर : 'चेहरे पर घूंघट कीचड़ में पांव, कुछ ऐसा है देवकठियां गांव..'। जी हां, कुछ ऐसी ही स्थिति है ग्रामसभा देवकठियां के बीबीपुर गांव की। पिछले 10 वर्ष से नाबदान बनी मुख्य सड़क पर आवागमन कर रहीं महिलाओं ने आजिज आकर जब अपने घर के पुरुषों को ताना देना शुरू किया तो उनका पौरूष जाग उठा और इस नरक से निकलने के रास्ते तलाशे जाने लगे। इसको लेकर रविवार को प्राथमिक विद्यालय पर ग्रामप्रधान की मौजूदगी में मैराथन बैठक हुई और पाटी गई पोखरी को खोदवाने का निर्णय लिया गया।

बिरनो ब्लाक स्थित ग्रामसभा देवकठियां के बीबीपुर गांव की मुख्य सड़क पीडब्ल्यूडी की है। यह एनएच-29 से निकलकर बीबीपुर, छपरा, चकदाऊद व कटैला होते हुए भुतहियाटांड-हंसराजपुर मार्ग में मिल जाती है। बीबीपुर में इसकी नरकीय स्थिति है। गांव के कुछ लोगों ने सार्वजनिक पोखरी को पाट कर कब्जा कर लिया है। इससे घरों का पानी पिच रोड पर बहता है। यह सिलसिला पिछले 10 वर्ष से चला आ रहा है। गंदा पानी बहने से सड़क खराब हो गई है जिससे उसमें चलना मुश्किल हो गया है। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को होती है। घर से सजधज कर कहीं आने के लिए निकली महिलाओं के चेहरे पर घूंघट होता है लेकिन पांव कीचड़ में डालने पड़ते हैं। इससे कभी-कभी वह फिसल जाती हैं और उनके कपड़े खराब हो जाते हैं। स्कूल जाते बच्चों की ड्रेस खराब हो जाती है। इधर गांव के पुरूष आपसी तनातनी में इस नरक से छुटकारा पाने की पहल नहीं कर रहे थे। वर्षों से यही तमाशा देखकर महिलाएं उकता गईं और अपने घर के पुरूषों को इस नरक से छुटकारा दिलाने के लिए खरी-खोटी सुनाना शुरू किया। इसके बाद लोग एकजुट हुए और इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई। ग्राम प्रधान रबिद्र यादव की मौजूदगी में उक्त पोखरी को खोदवाने का प्रस्ताव पास हुआ। नाली बनाकर नाबदान का पानी पोखरी में गिराया जाएगा। ग्राम प्रधान ने बताया कि बैठक में तय हुआ कि जिलाधिकारी से मिलकर पोखरी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अनुरोध किया जाएगा। बैठक में विरेंद्र, महेंद्र, कमलेश, भुल्लन, चंद्रदेव, मुद्रिका, गुड्डू, सुबेदार, जामवंत, श्रीराम, जगदीश आदि सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।


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