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मुआवजा को हाईकोर्ट पहुंचे किसान तो खराब किया खसरा

जागरण संवाददाता गाजीपुर बाढ़ के चलते क्षतिग्रस्त हुई खरीफ की फसल के मुआवजा के लिए किस

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 06:27 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 06:27 PM (IST)
मुआवजा को हाईकोर्ट पहुंचे किसान तो खराब किया खसरा
मुआवजा को हाईकोर्ट पहुंचे किसान तो खराब किया खसरा

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : बाढ़ के चलते क्षतिग्रस्त हुई खरीफ की फसल के मुआवजा के लिए किसानों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो इससे खुन्नस खाए लेखपाल ने उन किसानों का खसरा ही खराब कर दिया। इससे वह पात्र होते हुए भी सरकारी मुआवजा से वंचित हो गए। मामला भांवरकोल ब्लाक के सियाड़ी गांव का है। इसका पता जब किसानों को चला तो उन्होंने अपने अधिकार के लिए मोर्चा खोल दिया है। वह लगातार तहसीलदार व एसडीएम से लेकर जिलाधिकारी तक अपने लिए इंसाफ मांग रहे हैं और उक्त लेखपाल सहित इसमें संलिप्त राजस्व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी।

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मामला 2019 का है, जब मगई नदी में आयी बाढ़ से करइल क्षेत्र के कई गांवों में खरीफ की फसल डूब गई। काफी दिन तक बाढ़ का पानी रुकने से हजारों बीघा खरीफ की फसल खेत में ही सड़ गई। इससे किसानों को खेती से लाभ होना तो दूर, जो लागत लगाई थी वह भी बह गया। इस प्राकृतिक आपदा से बेजार किसानों ने माथा पकड़ लिया। उनके सामने पूरे वर्ष पेट भरने व अगली फसल बोने के लिए न तो अनाज था न ही पैसा। ऐसे में किसान सरकार की ओर उम्मीद भरी निगाह से देख रहे थे कि उन्हें आपदा कोष से मुआवजा दिया जाएगा लेकिन काफी दिन बाद भी संबंधित विभाग ने कोई संज्ञान नहीं लिया और न ही इसका सर्वे कराया। किसानों के दर्द को 'दैनिक जागरण' ने उस समय समाचार के माध्यम से प्रमुखता से उठाया। कोई बात बनता न देख सियाड़ी गांव के किसान हाईकोर्ट पहुंच गए। उनका पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई किसानों की फसल का सर्वे कराकर आपदा राहत के तहत उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। पीड़ित किसानों का आरोप है कि हमारे इस कदम से राजस्व विभाग के कुछ कर्मी खुन्नस खाए थे। उन्होंने सर्वे के दौरान हाईकोर्ट जाने वाले किसानों का खसरा ही खराब कर दिया, जिसके चलते वह पात्र होते हुए भी आपदा राहत से वंचित हो गए।

मुआवजा बांटने में भी खेल

: सियाड़ी गांव के आरटीआई एक्टिविस्ट शिवकुमार राय ने आरोप लगाया कि मुआवजा बांटने में राजस्व विभाग ने खूब खेल किया। एक ही किसान को कई बार दे दिया तो किसी का मुआवजा दूसरे गांव के किसान को दे दिया। मुआवजा राशि के सर्किल रेट में भी खेल किया गया। एक ही रकबे के बावजूद किसी को कम तो किसी को अधिक मुआवजा दिया।

जिलाधिकारी से लगाई गुहार

: मुआवजे से वंचित किसान एक बार फिर जिलाधिकारी के पास पहुंचे। पत्रक देकर पूरे मामले से उन्हें अवगत कराया और जांच कराकर पात्र किसानों का खसरा दुरुस्त करते हुए उन्हें मुआवजा दिलाने की मांग की। साथ ही इसमें गड़बड़ी करने वाले राजस्वकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। जिलाधिकारी ने उन्हें उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।


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