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दूसरे का प्यास क्या बुझाऊं मैं तो खुद..

जागरण संवाददाता मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) मुझे स्थापित करने से पूर्व जमकर लोगों पर एहसान की बारिश की गई। यही नहीं लाखों रुपए चुकाने के बाद मैं तहसील परिसर में लगाई गई। लोगों को बताया गया कि अब आप शुद्ध पानी पिएंगे और आपका स्वास्थ्य सही रहेगा। गर्मी के दिनों में पानी पीकर काफी सुकून महसूस करेंगे लेकिन मैं कितना अभागन हूं दूसरे का प्यास क्या बुझाऊं मैं तो खुद एक-एक बूंद के लिए तरस रही हूं। कुछ ऐसा ही बयां कर रही है तहसील परिसर में लोगों को शुद्ध व शीतल पेयजल मुहैया कराने के लिए सांसद निधि से लगाई गई प्यूरी फायर वाटर कूलर मशीन।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 09:41 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:04 AM (IST)
दूसरे का प्यास क्या बुझाऊं मैं तो खुद..
दूसरे का प्यास क्या बुझाऊं मैं तो खुद..

जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : मुझे स्थापित करने से पूर्व जमकर लोगों पर एहसान की बारिश की गई। यही नहीं लाखों रुपए चुकाने के बाद मैं तहसील परिसर में लगाई गई। लोगों को बताया गया कि अब आप शुद्ध पानी पिएंगे और आपका स्वास्थ्य सही रहेगा। गर्मी के दिनों में पानी पीकर काफी सुकून महसूस करेंगे लेकिन मैं कितना अभागन हूं, दूसरे का प्यास क्या बुझाऊं मैं तो खुद एक-एक बूंद के लिए तरस रही हूं। मानो कुछ ऐसा ही बयां कर रही है तहसील परिसर में लोगों को शुद्ध व शीतल पेयजल मुहैया कराने के लिए सांसद निधि से लगाई गई प्यूरी फायर वाटर कूलर मशीन।

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बलिया संसदीय क्षेत्र के तत्कालीन सांसद भरत सिंह की ओर उपलब्ध कराई गई धनराशि से अक्टूबर 2017 में उत्तर प्रदेश सहकारी विधायन एवं शीतगृह संघ गाजीपुर ने इस मशीन को लाकर तहसील परिसर में लगाया। इसे लगाने से पूर्व नलकूप की बोरिग की गई। इस मशीन के लगाने के दौरान जितनी तेजी दिखाई जा रही थी, उससे लग रहा था कि अब लोगों को पेयजल की समस्या से निजात मिल गई। उस समय घूम-घूमकर इस मशीन को लगाने का प्रचार-प्रसार भी किया गया। यहीं नहीं लोकार्पण कार्यक्रम में भी जमकर जिदाबाद के नारे लगवाए गए। अब हालत यह है कि कई महीने से यह मशीन बंद पड़ी है और कोई यह भी बताने वाला नहीं है कि आखिर इसका मरम्मत कौन करायेगा। अब यह मशीन तहसील परिसर में शोपीस बना हुआ है। इस संबंध में लोगों का कहना है कि इसको लेकर कई बार अधिकारियों से भी शिकायत की गई लेकिन वह भी इसको लेकर कोई संतोष जनक जवाब नहीं दे पाए। अब तहसील परिसर में पेयजल की समस्या पैदा हो गई है।


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