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लचर जलनिकासी व्यवस्था से जलभराव बड़ी समस्या

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : अंग्रेजों के जमाने के ड्रेनेज सिस्टम, शहरों में बढ़ते आबादी

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 07:14 PM (IST)
लचर जलनिकासी व्यवस्था से जलभराव बड़ी समस्या
लचर जलनिकासी व्यवस्था से जलभराव बड़ी समस्या

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : अंग्रेजों के जमाने के ड्रेनेज सिस्टम, शहरों में बढ़ते आबादी के दबाव और नगरपालिका की लचर जलनिकासी व्यवस्था से जलभराव की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। हर वर्ष जब भी बारिश होती जलनिकासी की पूरी ंव्यवस्था की पोल खुल जाती है। सड़कों ,स्कूल ,कालेज से लेकर अस्पताल तक में इतना भारी भर जाता है कि जीवन नारकीय हो जाता है। इसके बाद भी इस समस्या के समाधान को लेकर कोई खास प्रयास नगर निगम द्वारा होता दिखाई नहीं दे रहा है।

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जलनिकासी समस्या की वजह

नालियों में भरी गंदगी और ढलान सही नहीं होने से बारिश होने पर जलनिकासी का पूरा सिस्टम ध्वस्त हो जाता है। नगर के प्रमुख चौराहों एवं तिराहों पर लगा पानी आवागमन में सबसे बड़ी बाधा बनता है।

नगर में कई ऐसी पोखरियां व तालाब है जिसमें आसपास के रिहायशी इलाकों का पानी गिरता था। भू-माफिया कागजों में हेरफेर कर उस अवैध खरीद-फरोख्त कर दिए जिससे वहां भवन निर्माण होने से जलनिकासी की समस्या बनी हुई है। नालों में फंसा कचरा, पॉलीथिन जलनिकासी में सबसे बड़ी बाधा बनता है। इसके बावजूद नगरपालिका कार्रवाई करने की बात कहर कर कोरम पूरा कर देता है। पहले की अपेक्षा अब शहर की आबादी काफी बढ़ गई है लेकिन उस हिसाब से जलनिकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम विकसित नहीं किए गए। नतीजा सभी के सामने है।

जलनिकासी की वर्तमान ंव्यवस्था

वर्तमान समय में जलनिकासी के लिए नाले एवं नालियों की ही व्यवस्था है। इसमें से ज्यादातर नाले बहुत पुराने हैं। बारिश आने से पूर्व नगरपालिका बड़े एवं छोटे नालों की सफाई कार्य शुरू कर देता है। कई टन कचरा निकाला जाता है लेकिन काफी कचरा नगरपालिका कर्मियों की लापरवाही से वहीं पड़ा रह जाता है। खासकर नगर के प्रमुख तिराहों एवं चौराहों की अंदर से सफाई नहीं होने से उसमें मलबा फंसा रह जाता है। नतीजा बारिश होने के बाद पूरा सिस्टम ध्वस्त हो जाता है। नगर में बहुत सी नालियों की ऊंचाई सड़क से ऊपर होने के कारण पानी उसमें नहीं पास करता है। इससे पटरियों पर ही पानी जमा रहता है। हालांकि इसके लिए पटरियों का निर्माण हो रहा है जो काफी हद तक पूरा भी हो चुका है लेकिन कई स्थानों पर बारिश के पानी को नालियों में जाने के लिए जो निकासी होल बनाए गए हैं वे बेतरतीब होने के कारण पानी नाली में नहीं जा पाता है। नालियों का लेबल हो सही, अतिक्रमण से मिले निजात

- नगर की पूरी जलनिकासी नाले एवं नालियों पर ही निर्भर है। लेकिन उनका ढलान लेबल सही और अतिक्रमण से मुक्त हों तो जलनिकासी की समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकती है। सफाई निरीक्षक प्रकाश चंद्र ने बताया कि नालियों का ढलान लेबल सही नहीं होने से जलनिकासी की समस्या है। इसके अलावा नालियों पर अवैध कब्जा हटाया जाए तो जल निकासी की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है। बताया कि प्रस्तावित योजना के तहत वे शीघ्र ही अधिशासी अधिकारी को पत्र लिख कर पुरानी नालियों के नए निर्माण कराने के साथ ही उसका लेबल सही करने का की बात रखेंगे। शिकायत पर होगी कार्रवाई

- नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी उमेश चंद्र ने बताया कि नालियों पर लोग आवागमन के लिए पटिया रखते हैं जिसे हटा कर नालियों की सफाई कर दी जाती है। बड़े नालों पर अतिक्रमण की कोई जानकारी नहीं है अगर कोई शिकायत मिलती है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अब तक अवैध कब्जा के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

आंकड़ा एक नजर में

- ट्रैक्टर - 6

- लोडर - 4

- जेसीबी - 2

- डंफर - 2

- सफाईकर्मी - 350


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