रमेश को नरेश बनाने वाला ग्राम विकास अधिकारी निलंबित
गाजीपुर : सदर कोतवाली क्षेत्र के महराजगंज निवासी नितू पत्नी स्व. रमेश यादव आठ वर्ष तक दर-दर की ठोकरें खाती रही, लेकिन ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेणी उपाध्याय ने उसका नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज नहीं किया।
जासं, गाजीपुर : सदर कोतवाली क्षेत्र के महराजगंज निवासी नीतू पत्नी स्व. रमेश यादव आठ वर्ष तक दर-दर की ठोकरें खाती रहीं लेकिन ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेणी उपाध्याय ने उसका नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज नहीं किया। इतना ही नहीं विधवा के पति रमेश की जगह मिलीभगत से उसका नाम नरेश कर दिया। जांच में मामला सही पाए जाने पर जिला विकास अधिकारी मिश्रीलाल ने उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इससे सभी सचिवों में खलबली मची हुई है।
नीतू का विवाह आठ वर्ष पूर्व महराजगंज निवासी रमेश यादव से हुई थी। काफी प्रयास के बाद भी गांव में तैनात सचिव ने उसका नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज नहीं किया। इसी बीच 2017 में रमेश यादव की तमिलनाडु में मृत्यु हो गई। इसके बाद नीतू अपना नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज कराने के लिए कार्यालयों का चक्कर काटने लगी। इसी बीच सचिव त्रिवेणी उपाध्याय ने स्व. रमेश के पिता बालगो¨वद से मिलीभगत कर हेराफेरी करते हुए परिवार रजिस्टर में रमेश की जगह उसका नाम नरेश कर दिया। यह बताने लगा कि बालगो¨वद का रमेश नाम से कोई लड़का है ही नहीं। यह शिकायत जब डीडीओ मिश्री लाल के पास पहुंची तो उन्होंने सचिव को चेताया, लेकिन इसका भी उसके ऊपर कोई असर नहीं हुआ। मामले की जांच हुई तो पुराने कागजात और श्मसान घाट से मिली पर्ची आदि में उसका नाम रमेश था। इन सभी साक्ष्यों को देखते हुए डीडीओ ने सोमवार को सचिव को निलंबित करते हुए अपने कार्यालय से संबद्ध कर दिया।
--- - महाराजगंज गांव का सचिव जांच में दोषी पाया गया है। मिलीभगत कर न सिर्फ विधवा को परेशान करता रहा, बल्कि उसके पति रमेश की जगह परिवार रजिस्टर में नरेश अंकित कर दिया था। इसका साक्ष्य मिलने पर उसे निलंबित कर दिया गया है।
- मिश्री लाल, डीडीओ।