टोल वसूली बढ़ाने को सर्विस लेन पर बड़े वाहनों की आवाजाही बंद
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली बढ़ाने को सर्विस लेन पर बड़े वाहनों की आवाजाही बंद
टोल वसूली बढ़ाने को सर्विस लेन पर बड़े वाहनों की आवाजाही बंद
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>जागरण प्रभाव<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>-पाथ के हाथ खड़े करने के बाद अब यूपीडा कर रहा टोल की वसूली <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न> -सर्विस लेन से लखनऊ तक पहुंच जाते थे बड़े भारी वाहन <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न> -दैनिक जागरण ने 15 जुलाई के अंक में किया था प्रकाशित<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>जागरण संवाददाता, गाजीपुरः यूपीडा ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली को बढ़ाने के लिए सर्विस लेन से होकर आवाजाही करने वाले भारी वाहनों पर रोक लगा दी है। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>पिछले माह पाथ कंपनी के प्रतिदिन 30 लाख का घाटा उठाने से हाथ खड़े करने के बाद से अब यूपीडा की निगरानी में टोल की वसूली चल रही है। यूपीडा ने सर्विस लेन पर बड़े-बड़े पत्थर जगह-जगह रखवा दिए हैं ताकि कार व ट्रैक्टर ट्राली के अलावा कोई बड़ा वाहन न जा सके। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न> एक मई से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स की वसूली चल रही है। पहले पाथ कंपनी ने दो साल के लिए टैक्स वसूली का टेंडर लिया था। कंपनी को प्रतिदिन 61 लाख रुपये सरकार को देने थे, जबकि कंपनी को बामुश्किल 25 से 30 लाख ही टोल टैक्स आ रहा था। टोल वसूली से पहले वाहनों के सर्वे में करीब 12 हजार से अधिक वाहन दौड़ते मिले थे, लेकिन जैसे ही टोल की वसूली शुरू हुई वाहनों की संख्या घटकर चार से पांच हजार तक ही रह गई। दो माह का समय पूरा होने पर पाथ कंपनी ने यूपीडा को लिखित पत्र देकर टोल वसूली में असमर्थता जताई, इसके बाद सरकार ने दोबारा टेंडर किया, लेकिन इस बार सिर्फ मैनपावर सप्लाई के लिए। इसके बाद राजस्थान की कोरल कंपनी के मैनपावर के माध्यम से औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा)वसूली करा रहा है। बदले में यूपीडा एक करोड़ 34 लाख रुपये प्रतिमाह कंपनी को देता है। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>15 जुलाई के अंक में जागरण ने किया था आगाह<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>दैनिक जागरण ने 15 जुलाई के अंक में च्पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए घाटे का सौदा साबित रही सर्विस लेनज् शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। तस्वीर के माध्यम से दर्शाया था कि ब़ड़े बड़े डंफर सर्विस लेने से आवाजाही कर रहे थे। खबर में बताया था कि गाजीपुर जिले के हैदरिया से लेकर लखनऊ तक बीच में कुछ स्थानों (रेलवे लाइन, नदी )को छोड़कर सर्विस लेन बना होने के कारण अधिकतर बड़े वाहन उसे से आवाजाही करते हैं, जिन स्थानों पर सर्विस लेन गैप है, वहां गांवों से होकर वाहन सर्विस लेन पर पहुंच जाते हैं। इससे पाथ कंपनी को काफी नुकसान हुआ था। इसे गंभीरता लेते हुए यूपीडा ने अब सर्विस लेन पर बड़े-बड़े पत्थर रखवा दिए हैं, ताकि बड़े भारी वाहन आवाजाही न कर सकें। दरअसल यह सड़क आसपास के गांवों के लिए बनाई गई है, ताकि लोग एक्सप्रेसवे की बजाय नीचे से ही आवाजाही कर सकें।