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गैस सिलेंडर ने छीन लिया था इकलौते बेटे को

गाजीपुर मऊ में हुए गैस सिलेंडर हादसे ने डेढ़ वर्ष प‌रू्व करमपुर गांव की घटना की यादें फिर से ताजा कर दी हैं जिसमें एक विधवा के इकलौते पुत्र की मौत हो गई थी। इससे उक्त विधवा की पूरी दुनिया ही उजड़ गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:10 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 10:10 PM (IST)
गैस सिलेंडर ने छीन लिया था इकलौते बेटे को
गैस सिलेंडर ने छीन लिया था इकलौते बेटे को

जासं, गाजीपुर : मऊ में हुए गैस सिलेंडर हादसे ने जिले के तमाम इस तरह की घटनाओं की यादें ताजा कर दीं जिनमें किसी की जान गई हो या कोई घायल हुआ हो। डेढ़ वर्ष प‌रू्व करमपुर गांव की वह यादें फिर से ताजा हो गईं विधवा के इकलौते पुत्र राकेश को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। न सिर्फ चाय बना रहे राकेश की जान गई थी बल्कि घर का 75 फीसद हिस्सा ढह गया था। उनकी एक भैंस भी हादसे का शिकार हुई थे। राकेश अपने मां का इकलौते सहारा थे। वह पढ़ाई करने के साथ सेना भर्ती की तैयारी भी कर रहे थे। इच्छा थी कि सेना में भर्ती होकर मां के लिए कुछ करेंगे लेकिन यह सपना पूरा होने से पहले दुर्घटना के शिकार हो गए। इस वारदात ने उनकी मां के जख्म को हरा कर दिया। इसी क्रम में दो महीने पहले सैदपुर क्षेत्र के सौना मोड़ पर सड़क किनारे मिठाई की दुकान चलाने वाले शिब्बू प्रजापति के दुकान में गैस सिलिडर अचानक फट गया। इससे दुकान की छत उड़ गई। संयोग अच्छा था कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। अभी तीन दिन पूर्व दरवेपुर के रमाशंकर मौर्या के घर में खाना बनाते समय सिलेंडर में आग लग गई, जिसमें घर की महिलाएं बाहर भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। जिला मुख्यालय से पहुंचीं फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने आग पर किसी तरह काबू पाया। सात वर्ष पहले गोराबाजार में नेहरू स्टेडियम के ठीक सामने स्थित मोहल्ले में छोटा गैस सिलेंडर फटा जिससे आंगन के चारों तरफ स्थित मकानों के दरवाजे उड़ गए। उक्त मकान में आधा दर्जन से अधिक कमरे थे जिसमें पढ़ने वाले छात्र किराए पर रहते थे। उसी में का एक छात्र सुबह अपने लिए भोजन बना रहा था। इसी दौरान सिलेंडर में आग लग गई। पहले तो उसने उसे बुझाने की काफी कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद उसने सिलेंडर उठाकर आंगन में फेंक दिया और अपने सभी साथियों संग बाहर निकल गया। कुछ देर जलने के बाद सिलेंडर फट गया जिसकी भयावह आवाज सुन उक्त छात्रों सहित आसपास के लोग भी कांप उठे। अगर वह सिलेंडर कमरे के अंदर फटता तो बहुत बड़ा हादसा होता। पांच वर्ष पहले जंगीपुर थाना क्षेत्र के देवकठियां चट्टी पर एक सिलेंडर फट गया। यहां बिहारी मजदूर किराए पर एक कमरा लेकर रहते थे। वह अपने लिए भोजन बना रहे थे, उसी समय सिलेंडर ब्लास्ट कर गया। इससे उक्त कमरे की छत दो फिट ऊपर उठकर फिर अपनी जगह पर जा गिरी। संयोग अच्छा था कि सिलेंडर फटने से पहले ही सभी मजदूर कमरे से बाहर निकल गए थे।

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