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हंगामेदार रही नगरपालिका बोर्ड की बैठक

जागरण संवाददाता गाजीपुर नगरपालिका सभागार में बुधवार को हुई बोर्ड की बैठक काफी हंग

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 07:40 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 12:23 AM (IST)
हंगामेदार रही नगरपालिका बोर्ड की बैठक
हंगामेदार रही नगरपालिका बोर्ड की बैठक

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : नगरपालिका सभागार में बुधवार को हुई बोर्ड की बैठक काफी हंगामेदार रही। स्वकर में रियायत को लेकर सभासद मुखर रहे तो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान के तहत बिछाए जा रहे पाइप लाइन के लिए खोदकर छोड़े गए सड़क और गलियों से हो रही परेशानी का भी मामला जोरशोर से उठा। अन्य कई मुद्दों पर गरमा गरम बहस हुई। सभासदों ने नगरपालिका की आय बढ़ाने पर अपने विचार रखे और सफाई उपकरण बढ़ाने की पुरजोर हिमायत की। स्वच्छ सर्वेक्षण के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। बोर्ड की बैठक दोपहर बारह बजे शुरू शुरू हुई तो सबसे पहले पिछली कार्रवाई की पुष्टि हुई। इस दौरान सभासदों ने विकास कार्यों पर चर्चा की। कहा कि 13वें एवं 14 वित्त से जो कार्य नहीं किए गए हैं उन फर्म प्रोपराइटर को नोटिस के साथ सूचित कराया जाय कि जल्द से जल्द वे कार्य प्रारंभ करें। निर्णय हुआ कि ठेला, डस्टबिन, टैक्टर

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आदि की खरीदारी के अलावा नालों पर जाली लगाने का कार्य करना होगा। वहीं स्वकार मुद्दे पर सभी सभासदों ने पुरजोर तरीके से आवाज उठाई। खोद कर छोड़े गए गलियों और सड़कों को लेकर हो रही दिक्कत का मामला उठा तो अधिकतर सभासद एक स्वर से साथ दिए। चेयरमैन ने सरिता अग्रवाल ने कहा कि पिछले सप्ताह स्वकर के मुद्दे पर नगर विकास मंत्री से बात हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही इसका हल निकाला जाएगा। अधिशासी अधिकारी लालवंद्र सरोज ने कहा कि बैठक में विभिन्न मुद्दों को उठाया गया है। नगरपालिका ने वर्ष 2012 से स्वकर लागू हो चुका है लोग इसे जमा करें। अगर इसमें रियायत दी जाएगी तो इसका लाभ लोगों को दिया जाएगा। इस मौके पर सारिका राय, गोपालजी वर्मा, आसमां खातून, कुंवर बहादुर सिंह, समरेंद्र सिंह, निर्गुणदास केशरी, अनिल वर्मा आदि थे। अब फिर से लगेगा लाइसेंसी शुल्क

सभासद सोमेश राय ने कहा कि वर्ष 2009 में 39 मदों में लाइसेंसी शुल्क की वसूली की नियमावली बनाई गई जिसे वर्ष 2012 में बंद कर दिया गया । इसमें शराब संबंधित दुकानें, नर्सिंग होम, मांस की दुकानें, होटल, लान, मैरेजहाल सहित 39 मदों पर लाइसेंसी कर निर्धारित किया था जिससे 50 लाख रुपये की प्रति वर्ष वसूली होती थी। उसको वर्ष 2012 में बंद कर दिया गया। राजस्व निरीक्षक राधा रानी की ओर से लगातार सर्वे चल रहा है इन सभी मदों की वसूली फिर से की जाएगी।


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