मिट्टी के दीप में होता है पंचतत्वों का वास : भवानीनंदन
दीपावली के पूजन में दीपक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसमें सिर्फ मिट्टी के दीपक का ही महत्व है। इसमें पांच तत्व होते हैं मिट्टी, आकाश, जल, अग्नि और वायु। प्रत्येक ¨हदू अनुष्ठान में पंचतत्वों की उपस्थिति अनिवार्य होती है। दीपावली के ?दिन महालक्ष्मी की पूजा का विधान है।
जासं, जखनियां (गाजीपुर) : दीपावली के पूजन में दीपक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसमें सिर्फ मिट्टी के दीपक का ही महत्व है। इसमें पांच तत्व होते हैं मिट्टी, आकाश, जल, अग्नि और वायु। प्रत्येक ¨हदू अनुष्ठान में पंचतत्वों की उपस्थिति अनिवार्य होती है। दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा का विधान है।
सिद्धपीठ हथियाराम मठ पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर भवानीनंदन यति महाराज ने दीपावली त्योहार के महत्व व विधि विधान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कांस्य, ताम्र, रजत या स्वर्ण कलश में जल भरकर उसमें आम के पत्ते डालकर उसके मुख पर नारियल रखा जाता है। कलश पर कुमकुम, स्वास्तिक का चिह्न बनाकर, उसके गले पर मौली (नाड़ा) बांधा जाता है। शांति, समृद्धि और मुक्ति का प्रतीक कमल और गेंदा के पुष्प लेकर सभी देवी-देवताओं की पूजा के अलावा घर की सजावट करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन के लिए फल, मिठाई, मेवा के अलावा अन्य सामान का भोग लगाया जाता है। मीठे पकवान हमारे जीवन में मिठास या मधुरता घोलते हैं। पूजन में शुभ मुहूर्त पर विशेष ध्यान देना चाहिए।