रोशनी के पर्व पर बुझ गया घर का चिराग, खुशी की जगह मातम
गाजीपुर: रोशनी के पर्व दीपावली पर लोग दीया जलाकर व एक-दूसरे को उपहार देकर आपस में खुशियां बांटते हैं। वहीं फूलपुर निवासी महेंद्र कुशवाहा पर नियति इस कदर कहर ढाह रही है कि रोशनी के पर्व पर ही उनके चिराग को बुझा दे रही है।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : रोशनी के पर्व दीपावली पर लोग दीया जलाकर व एक दूसरे को उपहार देकर आपस में खुशियां बांटते हैं लेकिन क्रूर नियति ने फूलपुर निवासी महेंद्र कुशवाहा पर के दो चिरागों को इस पर्व पर बुझा दिया। उनके बड़े बेटे तपेश्वर कुशवाहा की भी दो वर्ष पूर्व दीपावली की दिन हादसे में मौत हो गई थी वहीं उनका दूसरा बेटा दिनेश दीपावली के दिन ही सड़क हादसे में चल बसा। दिनेश भी 19 दिसंबर को बीएसएफ की ट्रे¨नग में जाने वाला था। महेंद्र व उसके परिवार के करुण-क्रंदन से पत्थर दिल भी फूट पड़े।
महेंद्र कुशवाहा अपने बड़े बेटे तपेश्वर की मौत को भूल भी नहीं पाए थे कि बुधवार को उनके दूसरे आंख के तारे की मौत हो गई। अपने परिवार की माली हालत सही करने के लिए दिनेश हमेशा अपने पिता के साथ खेतीबाड़ी में लगा रहता था। दीपावली को हंसी खुशी से मनाने के लिए ही वह अल सुबह सब्जी लेकर मंडी जा रहा था। काफी अरमान लेकर घर से वह निकला था कि लौटेंगे तो अपने घर वालों के लिए पूजन-अर्चन का सामान लेकर आएंगे। किसी को क्या पता था कि उसके साथ इतना भयावह हादसा हो जाएगा। किसी पिता के ऊपर इससे बड़ा दुख क्या हो सकता है कि उसके रहते ही दो-दो बेटों की मौत हो गई। महेंद्र कुशवाहा अपने दोनों चिरागों के बारे में सोच कर बेसुध हो गए हैं। उनके घर के लिए दीपावली का पर्व काल बन कर आ रहा है या फिर उनके घर की खुशी को किसी की नजर लग गई है।