पत्नी के करुण क्रंदन से पत्थर दिल भी पड़ा रो
गाजीपुर शहीद मेजर विकास सिंह की पत्नी आंचल सिंह सोमवार की सुबह रोते-विलखते अपने पिता के साथ ससुराल ताड़ीघाट पहुंची तो वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखों में आंसू छलक उठे।
जासं, गाजीपुर : शहीद मेजर विकास सिंह की मां सरोजा सिंह व पत्नी आंचल सिंह जब शहीद के शव से लिपटीं तो जैसे सबका कलेजा फट पड़ा। पत्थर दिल भी रो पड़ा यह हृदय विदारक नजारा देखकर।
इसके पूर्व सोमवार की सुबह रोते-विलखते अपने पिता के साथ ससुराल ताड़ीघाट पहुंचीं तो वहां मौजूद लोगों की आंखों में आंसू छलक उठे। उनके पिता शिवपूजन सिंह अपनी लाडली को सहारा देते हुए सांत्वना तो दे रहे थे कि लेकिन उनकी आंखें भी नम थीं। शहीद मेजर की तीन बहनें दामिनी सिंह, कृति सिंह और प्रीति सिंह हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। शहीद की मां सरोजा सिंह और तीनों बहनें आंचल सिंह को देखकर दहाड़े मारकर रोने लगी। मां का रो-रो कर बुरा हाल है। पत्नी रोते-रोते बेहोश हो जा रही है। मेजर विकास सिंह तीसरे नंबर थे। इनके पिता जितेंद्र सिंह की बहुत पहले ही मौत हो गई। घर के सामने एक कोने में बैठे चाचा देवेंद्र सिंह के आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहा था। जो भी शहीद के घर पहुंच रहा था, वह परिजनों का करुण क्रंदन देखकर अपने आप को रोक नहीं पा रहा था। आंचल सिंह के साथ उनके चचेरे भाई अपने गोद में शहीद की तीन माह की पुत्री बृद्धि सिंह को एकटक निहार रहे थे। -----
शहादत पर गर्व जताया जनप्रतिनिधियों ने
- शहीद के शहादत पर पूरा जनपद उनके घर पर जैसे उमड़ पड़ा। भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, कृष्ण बिहारी राय, ओमप्रकाश राय, रमेश सिंह पप्पू, राम नरेश कुशवाहा, पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह, जंगीपुर विधायक डा. वीरेंद्र सिंह सहित तमाम जनप्रतिनिधि भी शहीद मेजर विकास सिंह के घर पहुंचे और परिजनों का ढांढस बधाया। कहा कि मेजर की शहादत को देश कभी भूलेगा नहीं, वह इतिहास के पन्नों में सदा सदा के लिए अमर हो गए। लोग कहते रहे कि सेना कि 57 आरआर की अल्फा कंपनी के मेजर विकास सिंह की जाबाजी और शहादत पर पूरा जनपद गौरवान्वित है।
----- शहीद के लिए तोड़ा गया हमीद सेतु का बैरियर
- शहीद मेजर विकास सिंह का पार्थिव शरीर बाबतपुर हवाई अड्डा से सेना के वाहन में आने की सूचना के साथ ही जिलाधिकारी के आदेश पर हमीद सेतु के दोनो तरफ लगाए गए बैरियर को हटा दिया गया है, ताकि उनका शव उनके पैतृक गांव तक आसानी से जा सके। ---
शहीद के गम में बंद रही क्षेत्र की दुकानें
- शहीद मेजर विकास सिंह की शहादत के गम में क्षेत्र की सभी दुकानें बंद रहीं। दूसरे दिन भी गांव में चूल्हे नहीं जले। घर के पास स्थित मैदान में सुबह से दर्जनों सफाई कर्मियों को साफ-सफाई के लिए लगाया गया था। वहीं जेसीबी से भी मैदान को साफ कर यहां एक टेंट लगाया गया, जहां शहीद का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। सुरक्षा के तहत जमानियां सर्किल के थानाध्यक्ष सहित दर्जनों महिला व पुरुष आरक्षियों की तैनाती की गई थी।