जर्जर विद्यालय भवन, दो कमरों में पढ़ते हैं 146 बच्चे
जासं बहरियाबाद (गाजीपुर) सादात शिक्षा क्षेत्र में नादेपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है जिसके चलते पठन-पाठन दो अतिरिक्त कक्ष में चल रहा है। कार्यालय रसोई घर में संचालित किया जा रहा है। खतरनाक एवं जानलेवा हो चुके भवन की शिकायत पिछले पांच वर्षों में दर्जनों बार विभाग के उच्चधिकारियों से की जा चुकी है। बावजूद अब तक सुनवाई नहीं हुई।
जासं, बहरियाबाद (गाजीपुर) : सादात शिक्षा क्षेत्र में नादेपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है जिसके चलते पठन-पाठन दो अतिरिक्त कक्ष में चल रहा है। कार्यालय रसोई घर में संचालित किया जा रहा है। खतरनाक एवं जानलेवा हो चुके भवन की शिकायत पिछले पांच वर्षों में दर्जनों बार विभाग के उच्चधिकारियों से की जा चुकी है। बावजूद अब तक सुनवाई नहीं हुई।
1975 में निर्मित विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर होकर कभी भी धराशायी होने के कगार पर है। इसकी पूरी छत लटककर नीचे आ गयी है। इसमें पिछले 5-6 वर्षों से पठन-पाठन पूरी तरह से बंद है। 2007-08 में निर्मित दो अतिरिक्त कक्ष में ही कुल नामांकित 141 छात्र- छात्राएं पढ़ने को मजबूर हैं। विद्यालय में प्रधानाध्यापक के अतिरिक्त तीन सहायक अध्यापक व एक शिक्षामित्र हैं। अतिरिक्त कक्ष में ही सभी कक्षाओं का पठन-पाठन होने से शिक्षकों को संयुक्त कक्षाओं का संचालन करना पड़ता है। अतिरिक्त कक्ष के निर्माण के समय बना रसोईघर मजबूरन कागजात व आवश्यक पंजिका इत्यादि सहित लोगों के आने पर बैठने के लिए कार्यालय के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। आलमारी के उसमें न आ पाने के कारण अभी भी उसे जर्जर भवन में रखा गया है जिसमें जान जोखिम में डालकर आना-जाना पड़ता है। प्रधानाध्यापक मनोज कुमार कन्नौजिया का कहना है कि दर्जनों बार शिकायत किया गया पर कोई सुनवाई नहीं हुई। पुन: पिछले माह जर्जर भवन की फोटो के साथ विभाग को पत्र लिखा गया है।