श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, युवाओं ने उड़ाई पतंगें
मकर संक्रांति का त्योहार ग्रामीण अंचलों में शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। नगर के गंगा घाटों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सुबह से ही घाटों पर भीड़ लग गई। श्रद्धालुओं ने नगर स्थित बूढ़ेनाथ महादेव घाट पक्का घाट रंगमहल घाट व औड़िहार स्थित बराह रूप घाट पर गंगा नदी में डुबकी लगाई और दान-पुण्य किया। बच्चों व युवाओं ने खूब पतंग भी उड़ाए।
जागरण संवाददाता, सैदपुर : मकर संक्रांति का त्योहार ग्रामीण अंचलों में शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। नगर के गंगा घाटों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सुबह से ही घाटों पर भीड़ लग गई। श्रद्धालुओं ने नगर स्थित बूढ़ेनाथ महादेव घाट, पक्का घाट, रंगमहल घाट व औड़िहार स्थित बराह रूप घाट पर गंगा नदी में डुबकी लगाई और दान-पुण्य किया। बच्चों व युवाओं ने खूब पतंग भी उड़ाए।
पंचाग में भिन्नता होने के कारण मकर संक्रांति का त्योहार दो दिन मनाया जा रहा है। शुक्रवार को कुछ ग्रामीण अंचलों में मकर संक्राति का त्योहार मनाया गया। इस दौरान लोगों ने गंगा में डुबकी लगा कर अन्न दान किया। गंगा घाट पर लोगों ने पूजन अर्चन कर अपनी व अपनों के लिए मंगल कामना किया।
सिधौना : मकर संक्रांति के अवसर पर जमकर पतंगबाजी देखने को मिली। सुबह से ही आसमान में रंग बिरंगे पतंग दिखने लगी। क्षेत्र के बाजारों में पतंग बिक्री भी खूब रही। पतंग विक्रेता कल्लू ने बताया कि कोरोना को देखते हुए इस बार कम पतंग मंगाया गया था। इसलिए इस बार पतंग की बिक्री अच्छी रही। वहीं पूरे दिन लोगों के छतों से भककाटा की आवाज गुंजती रही। हालांकि हवा की धीमी गति ने पतंगबाजों को मायूस भी किया। पतंग उड़ा रहे युवक राजन ने बताया कि मकरसंक्रांति के दिन पतंग उड़ाने का अलग मजा होता है। लेकिन धीरे हवा बहने से पतंगबाजी करने का मजा कम आया।
वहीं क्षेत्र के गंगा घाटों पर सुबह भोर से ही शुक्रवार को मकर संक्रांति त्योहार मनाने वालों की भीड़ लगी रही, तथा क्षेत्र के औड़िहार स्थित शिवालय पर मंदिर के पुजारी द्वारा खिचड़ी प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को बाटी गई। संक्रांति का मेला संपन्न
जखनिया : मकर संक्रांति के पर्व पर अधिकाश गांवों में लोगों ने शुक्रवार को बड़े धूमधाम के साथ मकर संक्रांति त्योहार को मनाया। इस मौके पर सिद्धपीठ भुडकुड़ा की तपोस्थली राम अखाड़ा पोखरा स्थित भीखा साहब के समाधि स्थल पर मेला का आयोजन किया गया। जहां पर क्षेत्र के ही नहीं बल्कि काफी दूरदराज के अलावा अन्य जनपदों के लोगों ने भी मेले में पहुंचकर समाधि का दर्शन किया। मेले में भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को मशक्कत भी करनी पड़ी।