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किसानों की आय दोगुनी करने के सुझाए गए उपाय

गाजीपुर कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कालेज में मंगलवार को विडियो कांफ्रेंसिग की लाइव स्ट्रीमिग के माध्यम से वैज्ञानिकों की बात किसानों के साथ विषय पर कार्यक्रम हुआ। कैबिनेट कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही की अध्यक्षता में लखनऊ से वीडियों कांफ्रेंसिग के माध्यम से किसानों को संबोधित किया। फसल सुरक्षा प्रबंधन बागवानी के बारे में जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रशासनिक भवन में मृदा वैज्ञानिक डा. डीके सिंह ने किसानों कृषि संकाय के छात्र एवं छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है। मिट्टी की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 06:18 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 06:18 PM (IST)
किसानों की आय दोगुनी करने के सुझाए गए उपाय
किसानों की आय दोगुनी करने के सुझाए गए उपाय

जासं, गाजीपुर : कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कालेज में मंगलवार को विडियो कांफ्रेंसिग की लाइव स्ट्रीमिग के माध्यम से 'वैज्ञानिकों की बात किसानों के साथ' विषय पर कार्यक्रम हुआ। कैबिनेट कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने लखनऊ से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से किसानों को संबोधित किया। इसका लाइव प्रसारण कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को दिखाया गया। उन्होंने फसल सुरक्षा प्रबंधन, बागवानी के बारे में जानकारी दी।

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कृषि विज्ञान केंद्र के प्रशासनिक भवन में मृदा वैज्ञानिक डा. डीके सिंह ने किसानों, कृषि संकाय के छात्र एवं छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है। मिट्टी की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे किसान रसायनिक उर्वरकों का संतुलित मात्रा में उपयोग करें। साथ ही मिट्टी की उर्वरता को बनाये रखने के लिए वर्मी कम्पोस्ट, गोबर की खाद, केंचुए की खाद का प्रयोग किए जाने पर बल दिया। पशुचिकित्सा वैज्ञानिक डा. डीपी श्रीवास्तव ने पशुपालन करके आय दोगुनी करने पर बल दिया। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत किसान देशी प्रजातियों का संरक्षण तथा उनके द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर आय में वृद्धि कर सकते हैं। नाबार्ड द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का भी लाभ उठा सकते हैं, जिसमें उनको लगभग 25 प्रतिशत तक सब्सिडी राशि दी जाती है। कम्प्यूटर प्रोग्रामर आशीष कुमार वाजपेयी ने बताया कि एसएमएस के माध्यम से खेती-किसानी के साथ ही समय-समय पर फसलों में होने वाले रोग के बारे में जानकारी दी। वीडियो कांफ्रेंसिग की लाइव स्ट्रीमिग दौरान एसोसिएट प्रोफेसर डा. योगेश कुमार, सुनील कुमार के अलावा 25 किसान एवं छात्र, छात्राएं मौजूद थे।


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