तीन शिक्षकों के भरोसे राजकीय बालिका इंटर कालेज
जागरण संवाददाता कासिमाबाद (गाजीपुर) सरकार जितना भी प्रयास कर ले लेकिन जनपद की शिक्षा व्य
जागरण संवाददाता, कासिमाबाद (गाजीपुर) : सरकार जितना भी प्रयास कर ले लेकिन जनपद की शिक्षा व्यवस्था सुधर नहीं रही है। कुछ यही हाल कासिमाबाद के राजकीय बालिका इंटर कालेज गंगौली का है। केवल एक प्रवक्ता व दो अध्यापक के सहारे पूरा विद्यालय संचालित किया जा रहा है। इसके चलते छात्राओं की संख्या भी बढ़ नहीं रही है। राजकीय बालिका इंटर कालेज का निर्माण वर्षों पूर्व कराया गया। बालिकाओं के शिक्षा के लिए सारी सुविधाओं से सुसज्जित किया गया लेकिन आज ये अनदेखी का शिकार है। यहां कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक केवल बालिकाओं को शिक्षा दी जाती है।
इंटर कालेज में कुल मिलाकर 70 छात्राएं पंजीकृत हैं, जबकि 13 प्रवक्ता व 6 सहायक अध्यापक होने चाहिए। विद्यालय में एक चपरासी व एक क्लर्क नियुक्त हैं और एक क्लर्क का पद भी खाली है। ऐसे में सभी जिम्मेदारी अध्यापकों को निभानी पड़ती है। सभी कक्षाएं नियमित संचालित किया जाना मुश्किल है। जर्जर भवन व फर्नीचर
- कक्षाओं में फर्नीचर का अभाव है। लैब का एक हाल है मगर उपकरण नहीं है। वन जर्जर होकर गिरने के कगार पर है। खिड़कियों के शीशे टूट चुके हैं। बरसात में बारिश कम भी होती है तो भी भवन में पानी अधिक टपकता है। चहारदीवारी न होने से छात्राएं असुरक्षित महसूस करती हैं। विद्यालय में कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। पहले विद्यालय परिसर में काफी हरियाली थी लेकिन पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से सारे पेड़ काट लिए गए।
बोली छात्राएं..
बरसात के दिनों में छत ज्यादा टपकता है, जिससे हम लोगों की पढ़ाई बाधित होती है। - सोनी गुप्ता। विद्यालय में शिक्षकों की कमी होने के कारण कोर्स पूरा नहीं हो पाता। पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है।- सोनी राजभर। विद्यालय में पर्याप्त फर्नीचर नहीं होने से बैठने की समस्या होती है। सभी खिड़कियों के कांच टूट गए हैं, जिनसे ठंडी हवाएं आती हैं। - सोनम राजभर। चहारदीवारी न होने कारण अराजकतत्व भी अंदर आ जाते हैं, जिससे असुरक्षा की भावना बनी रहती है। - पिकी राजभर। शासन से नए शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है। पिछले दिनों विभिन्न विषयों के 31 शिक्षक जनपद को मिले थे जिन्हें राजकीय विद्यालयों में भेजा गया। सामाजिक विज्ञान व हिदी आदि विषय के और नए शिक्षक आने वाले हैं। जहां तक चहारदीवारी की बात है, उसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृत होने के बाद निर्माण कराया जाएगा। - डा. ओपी राय, जिला विद्यालय निरीक्षक।