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फर्जी तरीके से कालेज ज्वाइन करने वाली शिक्षिका सलाखों में

मरदह (गाजीपुर) मरदह थाना क्षेत्र के आर्दश इंटर कालेज लहुरापुर में फर्जी नियुक्ति पत्र पर ज्वाइन करने वाली तथाकथित शिक्षिका कल्पना राय को बुधवार को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 06:19 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 06:19 PM (IST)
फर्जी तरीके से कालेज ज्वाइन करने वाली शिक्षिका सलाखों में
फर्जी तरीके से कालेज ज्वाइन करने वाली शिक्षिका सलाखों में

जासं, मरदह (गाजीपुर) : थाना क्षेत्र के आदर्श इंटर कालेज लहुरापुर में फर्जी नियुक्ति पत्र पर ज्वाइन करने वाली तथाकथित शिक्षिका कल्पना राय को बुधवार को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब कल्पना को फर्जी नियुक्ति पत्र पर पदभार ग्रहण कराने में सम्मिलित सभी लोगों को जिला प्रशासन की ओर से चिन्हित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इससे संबंधितों में खलबली मची हुई है।

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क्षेत्र के लहुरापुर स्थित जनता आदर्श इंटर कालेज में जुलाई 2019 में प्रबंधक अनिल कुमार सिंह को झांसा देकर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर सहायक अध्यापक पद अंग्रेजी विषय पर कल्पना राय अपनी नियुक्ति करा ली थी। इसके बाद कालेज प्रबंधक द्वारा अभिलेखों की मांग करने पर कल्पना राय द्वारा उसे प्रस्तुत नहीं किया गया। शक होने पर प्रबंधक ने पूरे मामले की जांच कराई तो मामला फर्जी निकला। इस पर उन्होंने नवंबर 2019 में ही कल्पना राय के विरुद्ध फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कराया था। तभी से मामले की विवेचना चल रही थी। बुधवार को मरदह थाने के एसआइ नर्वदेश्वर तिवारी, एसआई चंद्रशकर मिश्रा, एसआई फूलचंद्र पांडेय आधा दर्जन पुरुष व महिला पुलिसकर्मी के साथ नगर कोतवाली क्षेत्र के सुभाष नगर मियापुरा स्थित आवास पहुंचे और कल्पना को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद संबंधितों में खलबली मची हुई है। ----

ऐसे पकड़ में आया था मामला

- जनता आदर्श इंटर कालेज लहुरापुर में जुलाई माह में कल्पना सहायक अध्यापक अंग्रेजी का स्थानांतरण आदेश लेकर प्रबंधक के पास पहुंची। विभाग के कुछ लोगों के काफी दबाव के कारण प्रबंधक ने तत्काल पदभार ग्रहण करा दिया। इसके बाद कर्मचारियों ने कागजी पड़ताल में पाया कि बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र के उसका स्थानांतारण हो गया है। इसके बारे में जब पूछा गया तो कल्पना उचित जवाब नहीं दे सकी। शिक्षक द्वारा बताया गया कि अंबेडकरनगर के एक विद्यालय में पढ़ा रही थी। इसके बाद प्रभारी प्रधानाचार्य ने उस विद्यालय में टेलीफोन से वार्ता किया तो मालूम हुआ कि यहां इस नाम की कोई शिक्षक न कभी थी और न है। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ और स्थानांतरण फर्जी निकला। ऐसे में एफआइआर दर्ज कराया गया। ---- सात माह लग गए गिरफ्तारी में

- फर्जी शिक्षिका पर एफआइआर नवम्बर माह में ही हुआ था। कई गंभीर धाराएं लगी थीं बावजूद इसे गिरफ्तार करने में पुलिस को सात माह लग गए। वह भी जब अनामिका मामले ने तूल पकड़ा और शासन का दबाव पड़ा तब जाकर पुलिस कल्पना के गर्दन तक पहुंच पाई। जिसे फरार बताकर इतने दिनों तक पुलिस असहाय बनी रही उसे इस कदर शासन के दबाव के बाद अब इतने जल्दी कैसे गिरफ्तार किया जा सका यह सवाल लोगों के जेहन में उठ रहा है। गिरफ्तारी को लेकर इसके पहले भी पुलिस पर बराबर सवाल उठते रहे हैं। --- दैनिक जागरण ने मामले को किया था उजागर

- दैनिक जागरण ने 14 अक्टूबर 2019 के अंक में पदभार ग्रहण करने पहुंची थी फर्जी शिक्षिका'नामक शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद विभाग में खलबली मच गई। प्रबंधक अनिल कुमार सिंह ने आठ नवंबर 2019 को मरदह थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया। इसके बाद भी दैनिक जागरण ने पड़ताल कर आठ नवंबर को स्थानांतरण आदेश की सूची में ही किया था फर्जीवाड़ा'19 नवंबर को शिक्षिका ही नहीं, डिस्पैच नंबर व जेडी के सिग्नेचर भी फर्जी'नामक शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था।

--- -कल्पना राय पर लगे सभी आरोपों का साक्ष्य संकलन करने के बाद बुधवार को नगर कोतवाली क्षेत्र के सुभाष नगर मियांपुरा स्थित आवास से उसे गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के बाद न्यायालय में पेशकर उसे जेल भेज दिया गया।

- शरतचंद्र त्रिपाठी, थानाध्यक्ष मरदह।


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