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साहब नहीं आते, फाइलें खुद जाती हैं उनके पास

इसके चलते विभागीय कार्य अटके पड़े हैं महीने में पूरे होने वाले प्रोजेक्ट वर्षों बाद भी अधूरे पड़े हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 03:59 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 03:59 AM (IST)
साहब नहीं आते, फाइलें खुद जाती हैं उनके पास
साहब नहीं आते, फाइलें खुद जाती हैं उनके पास

साहब नहीं आते, फाइलें खुद जाती हैं उनके पास

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जागरण संवाददाता, गाजीपुर : ग्रामीण अभियंत्रण विभाग जौनपुर के अधिशासी अभियंता दिलीप कुमार शुक्ला का अजब हाल है। उनके पास गाजीपुर का भी प्रभार है, लेकिन साहब यहां झांकने भी नहीं आते। विभागीय बाबूओं द्वारा तैयार की गई फाइलें हस्ताक्षर होने के लिए खुद चलकर जौनपुर उनके पास जाती हैं। इसके चलते विभागीय कार्य अटके पड़े हैं, महीने में पूरे होने वाले प्रोजेक्ट वर्षों बाद भी अधूरे पड़े हुए हैं।

मजे की बात तो यह है कि साहब आए या न आएं, लेकिन उनका कमरा जरूर खुलता है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रतिदिन कमरे की सफाई कर कुर्सियां ठीक करता है और दरवाजे पर बैठकर उनकी प्रतीक्षा भी। सुबह से शाम हो जाती है, फिर से उनका कमरा बंद किया जाता है। अगले दिन भी खोला जाता है। यह क्रम सप्ताह व महीनों चलता रहता है। इसी बीच कभी अचानक आ भी जाते हैं, लेकिन वो दिन गिनती के ही हैं। उनके न रहने से अधीनस्थ कर्मी भी असहाय पड़े रहते हैं। सारी तैयार फाइलें साहब के हस्क्षातर के बिना आगे नहीं बढ़ पातीं। जिले में चल रही विभिन्न परियोजनाओं का निरीक्षण भी नहीं हो पा रहा है। मुहम्मदाबाद और मनिहारी ब्लाक में भवन का निर्माण विभागीय उदासीनता से वर्षों बाद भी पूरा नहीं हो सका है। इसके अलावा विधायक व सांसद निधि की अनेक परियोजनाएं लटकी पड़ी हैं।

एई व जेई के पद भी खाली

- विभाग की दुर्दशा यहीं खत्म नहीं होती। यहां एई और जेई के पद भी खाली हैं। गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक तहसील में एक एई होना चाहिए, लेकिन सात तहसीलों में केवल चार एई के पद सृजित हैं, उसमें भी तीन पद खाली चल रहे हैं। वहीं यहां जेई के लगभग 32 पद सृजित हैं, जिसमें से केवल 13 कार्यरत हैं। इससे निर्माण कार्य समय से पूरे

नहीं हो पा रहे हैं।

डीएम ने लिखा शासन को पत्र

: अधिशासी अभियंता दिलीप कुमार शुक्ला के रवैये से जिलाधिकारी भी तंग आ गए हैं। अभी पिछले दिनों उन्होंने अधिशासी अभियंता की कार्यशैली से अवगत कराते हुए उनके विरुद्ध शासन को पत्र भी लिखा था। इस पर शासन स्तर से अधिशासी अभियंता को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। लेकिन वही ‘ढाक के तीन पात’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

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अभी मुझे टाइफाइड हुआ है, स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए कार्यालय नहीं आ पा रहा हूं। स्वस्थ होने के बाद शीघ्र आएंगे।

- दिलीप कुमार शुक्ला, अधिशासी अभियंता-ग्रामीण अभियंत्रण विभाग।

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ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता के कार्यालय बहुत कम आने से उनके विभाग की तमाम विधायक व सांसद निधि की परियोजनाएं ठप पड़ी हुई हैं या बहुत धीमी गति से चल रही हैं। इससे जिले की छवि शासन स्तर पर खराब हो रही है। इसके लिए उनके विरुद्ध डीएम के माध्यम से शासन को पत्र लिखा गया है। साथ ही गाजीपुर में पूर्णकालिक अधिशासी अभियंता की नियुक्ति करने का अनुरोध भी किया गया है।

- श्रीप्रकाश गुप्ता, सीडीओ।


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