Move to Jagran APP

मोबिल न होने से सात दिन में रोडवेज को दस लाख का घाटा, शुक्रवार को मुख्यालय से पहुंचा 80 लीटर मोबिल आयल

पूर्वांचल में गाजीपुर सहित तमाम रोडवेज के सेंटरों पर मोबिल न होने से सात दिन में रोडवेज को दस लाख का घाटा हो चुका है। जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद शुक्रवार को मुख्यालय से 80 लीटर मोबिल आयल पहुंचा है।

By Shivanand RaiEdited By: Abhishek sharmaPublished: Fri, 30 Sep 2022 02:02 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 02:02 PM (IST)
मोबिल न होने से सात दिन में रोडवेज को दस लाख का घाटा, शुक्रवार को मुख्यालय से पहुंचा 80 लीटर मोबिल आयल
मोबिल न होने से सात दिन में रोडवेज को दस लाख का घाटा हो चुका है।

गाजीपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश सड़क राज्य परिवहन निगम के लखनऊ मुख्यालय से मोबिल की सप्लाई न होने से पिछले एक सप्ताह में स्थानीय डिपो को करीब दस लाख रुपये का घाटा लगा है। प्रतिदिन 15 से 20 बसें खड़ी रहीं है। इससे एक तरफ जहां यात्रियों को सफर में दुश्वारियां झेलनी पड़ीं, वहीं सड़कों पर डग्गामार खूब दौड़े। बसों के खड़े रहने से त्‍योहारी सीजन में जहां यात्रियों की फजीहत खूब हो रही है वहीं दूसरी ओर आर्थिक चोट भी खूब लग रही है। 

loksabha election banner

पिछले 24 सितंबर से डिपो में मोबिल खत्म हो गया था। मोबिल खरीदने की स्थानीय स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं है। सर्वो कंपनी से सीधे मुख्यालय को सप्लाई है, जहां से क्षेत्रीय वर्कशाप वाराणसी पहुंचता है, वहां से डिपो को भेजा जाता है। मोबिल न होने से कई दिनों तक कानपुर, बनारस, बलिया, शेरपुर, बीरपुर, वीरभानपुर आदि स्थानों के लिए संचालित होने वाली बसें खड़ी रही। प्रतिदिन 15 से 20 बसें खड़ी रही है।

डिपो में कुल 67 बसों का बेड़ा है, जिसमें 46 ही रनिंग में रहती हैं, उसमें भी इतनी अधिक बसें मोबिल के अभाव में खड़ी करनी पड़ी। कई पुरानी बसों से मोबिल निकालकर दूसरी बसों में डाला गया। प्रतिदिन खड़ी बसों से विभाग को करीब एक से डेढ़ लाख रुपये की हानि का अनुमान है। सात दिन में करीब दस लाख रुपये का अंदेशा है। हालांकि विभागीय अधिकारी अभी आंकड़ेबाजी में लगे हैं।

दैनिक जागरण में लगातार दो दिनों से मोबिल के अभाव में रोडवेज बसें खड़ी होने से यात्रियों को परेशानी की खबर प्रकाशित होने के बाद मुख्यालय से शुक्रवार को 80 लीटर मोबिल भेजा गया है। इसके बाद बसें चलने लगी है। अधिकतर बसें पुरानी होने के कारण डिपो को एक दिन में कम से कम 15 से 20 लीटर मोबिल की जरूरत पड़ती है। डिपो इंचार्ज राकेश पांडेय ने बताया कि अब मोबिल आ गया है। सभी बसों को रूटों पर भेजा जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.