पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण संरक्षण का लिया गया संकल्प
जासं गाजीपुर विश्व पृथ्वी दिवस पर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न विद्यालयों व संस्थाओं की ओर से गोष्ठी व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
जासं, गाजीपुर : विश्व पृथ्वी दिवस पर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न विद्यालयों व संस्थाओं की ओर से गोष्ठी व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। साथ ही जल, वृक्ष, जीव-जंतुओं व पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया गया। इसके अलावा पीपल व तुलसी के पौधों का वितरण कर जागरूक भी किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि दिनों-दिन धरती के तापमान में वृद्धि हो रही है, हिमखंड तेजी से पिघल रहे हैं व समुद्र का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे समूची कुदरत के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। प्रकृति की संरचना में की जा रही छेड़छाड़ के चलते वायुमंडल में गैसों का संतुलन भी बिगड़ गया है।
ऐसे में हम सभी का नैतिक कर्तव्य बनता है कि पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाया जाए। यह तभी संभव होगा जब जन-जन पौध रोपण के लिए अग्रसर होगा।
जमानियां : रोहुणा ग्राम सभा के प्राथमिक विद्यालय डेहरिया में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें कक्षा चार व पांच के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया, जिसमें नीरज प्रथम, सोनू दूसरे व प्रितु राय को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। इसके अलावा काजल, सुनैना और पिकी शर्मा को सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। खानपुर: क्षेत्र के गौरी गांव में गोमती तट पर स्थित पर्णकुटी में लोगों जागरूक करने के साथ पीपल व तुलसी के पौधों का वितरण किया गया। महंत अरुनदास महाराज ने कहा कि पूरा विश्व एक दिन के लिए पृथ्वी व जल दिवस मनाता है, लेकिन भारतीय संस्कृति में प्रतिदिन सुबह उठते ही सर्वप्रथम पृथ्वी को प्रणाम करने का संस्कार है। प्रकृति प्रेमी सनातन धर्म में सदैव से ही पौधों को किसी न किसी प्रकार धार्मिक कृत्य से जोड़कर उन्हें संरक्षित और सुरक्षित करने का प्रयास किया गया हैं। जल, भूमि, वन, पर्वत, कुआं, तालाब, हवा को पूजनीय बनाकर धरोहर के रूप में बचाएं।