धूप से मिली राहत, ठंड से किसान की मौत
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : पखवारे भर कंपकंपी छुड़ाने के बाद मौसम का तेवर सोमवार को थोड
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : पखवारे भर कंपकंपी छुड़ाने के बाद मौसम का तेवर सोमवार को थोड़ा ढीला हुआ। सुबह दस बजे के बाद चमकदार धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस ली। ठंड के तेवर भले ही ढीले पड़ गए हों लेकिन ठंड से मौतों का सिलसिला जारी है। रविवार की रात ठंड लगने से जंगीपुर थाना क्षेत्र के देवकठियां गांव निवासी अंतू राम (70) की मौत हो गई। उन्हें तीन दिन पूर्व ठंड लगी थी। रात के पहर अचानक तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में परिवार के लोग उन्हें लेकर मऊ स्थित अस्पताल गए, जहां चिकित्सकों ने रात करीब दो बजे मृत घोषित कर दिया। वहीं धूप निकलने के बाद किसान आलू की फसल पर दवा का छिड़काव करने के साथ ही गेहूं की फसल की ¨सचाई करने में जुट गए।
रविवार की रात से ही कोहरे की चादर तन गई थी। सड़कों पर सन्नाटा छा गया। सड़कों पर यातायात जहां तहां ठप हो गया।इक्का दुक्का वाहन सड़क पर चलते नजर आ रहे थे, वह भी दस किमी प्रतिघंटे से भी कम की रफ्तार पर। एक वाहन के आगे चलने पर अन्य वाहन उसके पीछे-पीछे लाइन में चल रहे थे। कड़ाके की ठंड को देखते हुए लोग घरों में दुबकने लगे। सोमवार सुबह भी कोहरा बरकरार रहा। इससे लोग घर से बाहर नहीं निकले।
रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस अड्डा पर कम ही लोग नजर आ रहे थे । सुबह करीब 10 बजे जब धूप निकली तब लोगों के चेहरे खिल गए । लोग अपनी छतों पर पहुंच गए और धूप रहने तक वहीं जमे रहे। हवा कम होने की वजह से धूप काफी सुहानी लग रही थी । धूप लेने के लिए लोग घर के बाहर सड़कों पर भी जगह-जगह नजर आ रहे थे। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार भी बढ़ गई। किसान भी खेतों की ओर रुख किए और फसल की ¨सचाई में लग गए।
कर्मचारियों में धूप सेंकने की रही होड़
धूप इस कदर लोगों को प्रिय हो गई है कि उसका ताप महसूस करने के लिए अपने काम धाम को भी लोग किनारे कर दे रहे हैं। धूप निकलने के बाद विकास भवन के अधिकांश कर्मचारी बाहर निकल आए। जिनके कार्यालय तीसरे तल पर हैं वह वहीं बाहर कुर्सी निकालकर धूप का आनंद लेते रहे। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जब तक पुलिस अधीक्षक और अपर पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे तब तक पुलिसकर्मी ड्यूटी पर मुस्तैद रहे। दोनों अधिकारियों के जाते ही परिसर में धूप सेंकने के लिए निकल पड़े।
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बढ़ गया पाला का खतरा
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार आसमान साफ होने से पाला पड़ने की संभावना बढ़ गई है। पौधों के मुरझाने से पैदावार प्रभावित हो सकती है। ऐसे में किसान यूरिया के दो प्रतिशत घोल का छिड़काव करें तो फसलों को पाला से बचाया जा सकता है। किसान सुबह ताजा पानी के घोल का छिड़काव कर भी फसल को पाला से बचा सकते हैं। इसके अलावा शाम के समय खेत के पास धुंआ करें जिससे फसलों की सुरक्षा हो सके। आलू को झुलसा से बचाव के लिए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से दवा का छिड़काव करें।