शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना प्राथमिकता
जासं, गाजीपुर : शासन की मंशा के अनुरूप शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार गुणवत्ता शिक्षा उपलब्ध कराना ही हमा
जासं, गाजीपुर : शासन की मंशा के अनुरूप शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार गुणवत्ता शिक्षा उपलब्ध कराना ही हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए सभी विद्यालयों को निर्देशित किया गया है। वहीं बोर्ड परीक्षा के नामांकन में अगर कोई गड़बड़ी हुई तो संबंधित विद्यालय के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई बच्चों को अटैच कर विद्यालय चला रहा है तो पकड़े जाने पर उसके खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई की जाएगी। यह कहना था जिला विद्यालय निरीक्षक डा. ओपी राय का। वह रविवार को 'दैनिक जागरण' के लोकप्रिय कार्यक्रम 'प्रश्न पहर' में पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे हैं। इस दौरान सबसे अधिक सवाल शिक्षकों की कमी को लेकर आए।
कुछ इस तरह के आए सवाल
सवाल : हमारे गांव के प्राथमिक विद्यालय में 130 बच्चे हैं। इसके अनुसार मास्टर नहीं है। ऐसे में कैसे पढ़ाई होगी?
जवाब : यह बेसिक शिक्षा विभाग का मामला है। मैं बीएसए को इससे अवगत करा दूंगा।
सवाल : वित्तविहीन विद्यालयों के अभिलेखों की जांच होती है की नहीं?
जवाब : जिले में वित्तविहीन विद्यालयों की संख्या काफी अधिक है। 272 को चिन्हित किया गया है। जांच हो रही है। अवश्य कार्रवाई की जाएगी।
सवाल : माध्यमिक शिक्षा परिषद परीक्षा 2017 में भौतिक विज्ञान प्रथम की जगह द्वितीय प्रश्न पत्र खोल दिया गया। तभी से मेरा विद्यालय डिबार है। तीन वर्ष हो गया। कब तक यह ऐसे ही रहेगा?
जवाब : तीन वर्ष के बाद ही इस पर कोई कार्रवाई होगी।
सवाल : जीजीआईसी मुहम्मदाबाद में मात्र दो अध्यापक रह गई हैं। ऐसे में कैसे पढ़ाई होगी?
जवाब : राजकीय इंटर कालेज में ट्रांसफर का अधिकार डीआईओएस को नहीं है। यह शासन से होता है। अध्यापकों की नियुक्ति का काम किया जा रहा है। आपके मामले को संज्ञान में लेकर शीघ्र आवश्यक पहल की जाएगी।
सवाल : मान्यता के लिए क्या-क्या आवश्यकताएं हैं?
जवाब : अब आनलाइन व्यवस्था कर दी गई है। अगले वर्ष एक अप्रैल से वेबसाइट खुलेगी।
सवाल : डायल-100 पुलिस वालों ने मुझे इतना मारा है कि मेरी आंख सूज गई है। स्कूल नहीं जा रहा हूं। आगे क्या करूं?
जवाब : आपके विरुद्ध कोई मामला रहा होगा, तभी पुलिस ने ऐसा किया होगा। स्कूल नहीं जाएंगे तो आपको नियमानुसार छुट्टी लेना होगा।
सवाल : प्राइवेट विद्यालय क्या ऐसे ही मनमानी करते रहेंगे?
जवाब : जिस विद्यालय में ऐसा हो रहा है, उसकी शिकायत करेंगे तो उसकी जांच कर अवश्य कार्रवाई की जाएगी। अध्यापकों की योग्यता निर्धारित की गई है। अगर कोई मामला है तो इसको संज्ञान में लेकर जांच की जाएगी।
सवाल : विद्यालय में शिक्षक आते ही नहीं हैं। आते भी हैं तो कुछ देर में ही चले जाते हैं, इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी?
जवाब : जिस स्कूल के शिक्षक ऐसा करते हैं, उसको नोट करा दीजिए। इसकी जांच की जाएगी।
सवाल : श्रीकृष्ण इंटर कालेज डेढ़गांवा में अध्यापक बहुत ही कम हैं। कब तक यह समस्या दूर होगी?
जवाब : यह ज्यादा विद्यालयों की समस्याएं हैं। जैसे ही शिक्षक आएंगे। आपके स्कूल में तैनात कर दिए जाएंगे।
सवाल : बोर्ड परीक्षा में लाख कवायद के बाद भी नकल हो रही है। यह कब तक और कैसे सही होगा?
जवाब : आपकी शिकायत सही नहीं है। पूरे प्रदेश में दो वर्षों में नकल लगभग रुक सी गई है। यह शिकायत आप पहले की कर रहे हैं। अगर ऐसा है तो आप परीक्षा के समय जरुर बताइएगा, कार्रवाई की जाएगी।
सवाल : माध्यमिक विद्यालयों में सही से सीटिग प्लान नहीं किया जाता है, क्यों?
जवाब : इंटर में 65 बच्चों का मानक है। आप प्राइमरी की बात कर रहे हैं। यह बेसिक विभाग का मामला है। बीएसए से आपके मामले को अवगत करा दिया जाएगा।
सवाल : हमारे विद्यालय में कार्यरत एक सफाई कर्मचारी महीने में चार-पांच दिन गायब रहता है। ऐसे में कैसे काम कराया जाए?
जवाब : यह आपका आपसी मामला है। अगर वह गायब रह रहा है तो उसका वेतन कैसे निकल रहा है? चपरासी अगर काम नहीं कर रहे हैं तो अनुपस्थित करिए। विद्यालय के सोर्सेज से व्यवस्था करिए।
सवाल : एक स्कूल में आधा दर्जन फर्जी अध्यापक वेतन ले रहे हैं, क्यों?
जवाब : अगर ऐसा है तो फर्जी का कोई प्रमाण दीजिए। अवश्य कार्रवाई की जाएगी।
सवाल : कृषि भूमि पर स्कूल खोल सकते हैं या नहीं?
जवाब : किसी भूमि पर स्कूल खोल सकते हैं। वह जमीन विद्यालय के नाम होना चाहिए।
सवाल : गांव के प्राइमरी स्कूल में शिक्षक आते हैं तो चुपचाप बैठे रहते हैं। इनपर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?
जवाब : आपके मामले को बीएसए तक पहुंचा दिया जाएगा। ऐसे शिक्षकों पर अवश्य कार्रवाई की जाएगी।
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इन्होंने किए सवाल
सुरेंद्रनाथ राय-आसमानीचक, हर्षवर्धन सिंह-गाजीपुर, राजेश कुमार सिंह-विक्रमपुर, हरिनारायण पांडेय-मुहम्मदाबाद, राघवेंद्र-मेदनीुपर, दिनेश यादव-गुम्मा, दीपक सोनी-करीमुद्दीनपुर, अंजनी राय-शेरपुर, ओमकारनाथ राय-सुहवल, आशुतोष जायसवाल-दुल्लहपुर, आनंद भारद्वाज-तिरकारीपुर, अमरेश कुमार सिंह-नौली, गुलाब शंकर-जंगीपुर, पवन-सुहवल, राजीव कुमार-नगसर।
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