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पानी घटने के बाद भी कम नहीं हो रहीं दुश्वारियां

जागरण संवाददाता, बारा (गाजीपुर): चार दिनों से गंगा व कर्मनाशा का जलस्तर कम होता जा रहा ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 09:33 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 09:33 PM (IST)
पानी घटने के बाद भी कम नहीं हो रहीं दुश्वारियां
पानी घटने के बाद भी कम नहीं हो रहीं दुश्वारियां

जागरण संवाददाता, बारा (गाजीपुर): चार दिनों से गंगा व कर्मनाशा का जलस्तर कम होता जा रहा है लेकिन तटवर्ती क्षेत्र के किसानों की समस्या कम नहीं हो रही है। रास्तों पर कीचड़ है और खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। गंगा उस पार किसानों के आवागमन के लिए नाव का संचालन अभी भी प्रशासन द्वारा शुरू नहीं कराई गई है। इससे बारा व गहमर के किसानों को गंगा उस पार अपने खेतों में जाने के लिए दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सेवराईं तहसील प्रशासन द्वारा सर्वे कराए जाने की बात कही जा रही है। सेवराईं तहसील क्षेत्र के बारा में गंगा एवं कर्मनाशा का पानी तेजी से उतर रहा है। कुतुबपुर गांव का मार्ग कर्मनाशा के पानी से डूब गया था, वहां भी पानी अब उतर गया है और आवागमन चालू है। एसडीएम सेवराईं मुहम्मद कमर ने बताया कि तहसील क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों का सर्वे कराने के बाद जल्द ही राहत प्रदान की जाएगी। नष्ट हुई धान व सब्जी की खेती

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बारिश व बाढ़ के पानी की वजह से कर्मनाशा किनारे होने वाली धान व सब्जी की खेतों को खासा नुकसान पहुंचा है। कुतुबपुर के किसानों ने बताया कि बाढ़ का पानी खेतों में भर जाने से लाखों का नुकसान हो गया। खेत में लगी धान की खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया। वहीं सायर गांव के झेंगुरी यादव, जय ¨सह यादव सहित अन्य किसानों ने बताया कि सब्जी की खेती को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। कहा कि लतरा, बैगन, नेनुआ, हरी मिर्च आदि सब्जियों की खेती की थी जो कर्मनाशा के बाढ़ में बर्बाद हो गया। बीमारियां पसार रहीं पांव

बरसात के बाद बाढ़ का पानी गांवों में कम हो गया है। ऐसे में तेज धूप के कारण तमाम बीमारियों ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। इसकी गिरफ्त में बड़े लोगों के साथ बच्चे भी आने लगे हैं। इसका प्रमाण बारा सहित अन्य गांवों में निजी चिकित्सकों की क्लिनिक में उमड़ी भीड़ के रूप में देखा जा सकता है। इस समय बारा, गहमर सहित क्षेत्र के अन्य गांवों में टाइफाइड, मलेरिया बुखार, चर्म रोग फैले हुए हैं। सीएचसी भदौरा द्वारा रोकथाम के लिए ग्राम प्रधानों को पंद्रह दिन पहले वितरण के लिए दी गई दवाओं और कीटनाशक का आज तक छिड़काव न किए जाने से मरीज बढ़ते जा रहे हैं। इस मामले में सीएचसी प्रभारी भदौरा डॉक्टर रवि रंजन ने बताया कि सभी ग्राम प्रधानों को ब्ली¨चग पाउडर, फिनायल व क्लोरीन की गोली पंद्रह दिन पहले ही दे दी गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीमों को अभी तक गांव में नहीं देखा जा सका है। इस लापरवाही के चलते गांवों में मौजूद झोलाछाप तथा निजी चिकिस्तक मरीजों का शोषण व उनके जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। इन सब मामलों की जानकारी के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सक्रिय होता नहीं दिखाई दे रहा है। इस मामले में क्षेत्रीयजनों ने सीएमओ तथा डीएम से कीटनाशकों का छिड़काव तथा दवाओं का वितरण कराने की मांग की है। ---

गंगा का जलस्तर घटते देख नौका परिचालन की मांग

भांवरकोल: गंगा का जलस्तर बढ़ने पर दुर्घटना को ²ष्टिगत रखते हुए प्रशासन की ओर से वीरपुर और पलिया गंगा घाट से होने वाले नाव का परिचालन को बीते 4 सितंबर से ही पूरी तरह बंद कर दिया है। गंगा का जलस्तर कम होने के बावजूद अभी तक प्रशासन की ओर से नाव के परिचालन की अनुमति नहीं मिली है। नौका परिचालन न होने से गंगा पार खेती करने वालों के अलावा निजी या सरकारी सेवारत कर्मचारियों के साथ साथ नौका के सहारे लोगों को अपनी जीविका चलाने वाले नाविकों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है। पलियां में कम से कम छह तथा बीरपुर में कम से कम 10 परिवारों की आजीविका नौका परिचालन से जुड़ी है। नाविक छठू चौधरी, मोती चौधरी, मंगरू चौधरी, गुड्डू चौधरी, रामनिवास चौधरी, रामदुलार चौधरी, यमुना चौधरी, चन्द्रमा चौधरी, गोपाल चौधरी आदि ने प्रशासन से नौका परिचालन की अनुमति देने की मांग की है।


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