श्रीराम ने तोड़ा धनुष, सीता ने पहनाई वरमाला
सादात (गाजीपुर) क्षेत्र के कनेरी गांव स्थित मां बनसत्ती मंदिर पर चल रहा धनुष यज्ञ रामलीला पांचवें दिन रविवार की शाम सीता स्वयंवर व मेले के साथ संपन्न हुआ।
जासं, सादात (गाजीपुर) : क्षेत्र के कनेरी गांव स्थित मां बनसत्ती मंदिर पर चल रहा धनुष यज्ञ रामलीला का पांचवां दिन रविवार की शाम सीता स्वयंवर व मेले के साथ संपन्न हुआ। लीला के दौरान जनकपुर में आयोजित सीता स्वयंवर में भाग लेने के लिए दूर-दराज से राजा आए हुए थे। सभी ने स्वयंवर के शर्त के अनुसार भगवान शिव के धनुष को तोड़ने का प्रयास किया। तोड़ना तो दूर, उसे कोई राजा हिला तक नहीं सका। यह देख राजा जनक व्यथित हो गए और बोले कि मुझे पता होता कि यह धरती वीरों से खाली है तो मैं पुत्री सीता के विवाह हेतु ऐसी शर्त नहीं रखता। यह सुनकर प्रभु श्रीराम ने गुरु विश्वामित्र कि आज्ञा से धनुष का प्रत्यंचा चढ़ाया। धनुष टूटते ही जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। पुष्पवर्षा होने लगी। सीता ने श्रीराम को वरमाला पहनाकर अपने पति के रूप में वरण किया। लीला के साथ ही लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया। सादात के ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि कमलेश सिंह ने आरती की।