राष्ट्रीयता से ओतप्रोत रामचरित उपाध्याय के काव्य
गाजीपुर रवींद्रपुरी स्थित वाणी प्रतिष्ठान में रविवार को पं.रामराज पाठक स्मृति न्यास की ओर से द्विवेदी युग के महाकवि रामचरित उपाध्याय की जयंती पर उनको नमन किया गया। इस मौके पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
जासं, गाजीपुर : रवींद्रपुरी स्थित वाणी प्रतिष्ठान में रविवार को पं. रामराज पाठक स्मृति न्यास की ओर से द्विवेदी युग के महाकवि रामचरित उपाध्याय की जयंती पर उनको नमन किया गया।वरिष्ठ साहित्यकार डा. जितेंद्रनाथ पाठक ने कहा कि आधुनिक नवजागरण की क्रांतिकारी चेतना का प्रतिफल रामचरित उपाध्याय के 20 काव्य संग्रहों में हुआ है। उनके काव्य राष्ट्रीयता से ओतप्रोत हैं। डा. अंबिका प्रसाद पांडेय ने कहा कि रामचरित उपाध्याय गाजीपुर को गहराई से प्रेम करते थे। डा. रमाशंकर सिंह ने कहा कि उनकी रचनाओं ने जन-जागृति पैदा की। इस मौके पर रामनिवास यादव, डा. त्रिभुवन नाथ, डा. एसएन पांडेय, डा. त्रिभुवन सिंह, डा. बालेश्वर विक्रम, डा. उदयप्रताप पांडेय, विद्याशंकर पांडेय, विजयप्रकाश मिश्र, प्रमोद कुमार राय, राकेश यादव आदि थे। संचालन डा. गंगेश ने किया।